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1. गरिमाविहीन आज की वैशाली
-डॉ० जगदीशचन्द्र जैन 2, प्राकृत : एक अवलोकन
-डा० देवनारायण शर्मा 3. प्राकृत और संस्कृत का समानान्तर भाषिक विकास
-डा० श्रीरंजन सुरि देव 4. वज्जिगण राज्य पालि साहित्य के आलोक में
-डा० नन्दकिशोर प्रसाद आचार्य विद्यानन्द का एक विशिष्ट चिन्तन "नियोग भावना विधि" ।
___-डा० लालचन्द्र जैन ___ मलयसुन्दरी चरित्र की प्राकृत पाण्डुलिपियाँ
-डा. प्रेम सुमन जैन 7. जैनधर्म में अहिंसा और ब्रह्मचर्य
-जगदीश नारायण शर्मा 8. 'युक्त्यानुशासन' का 'सर्वोदय-तीर्थ' ।
-प्रोफेसर रामजी सिंह 9. ऋग्वेद की कुछ सामाजिक-आर्थिक प्रवृत्तियाँ
__ --डा० हरिश्चन्द्र सत्यार्थी __ बाहुबली-कथा का विकास एवं तद्विषयक साहित्य : एक सर्वेक्षण
-डा० विद्यावती जैन जैन शास्त्र के कुछ विवादास्पद पक्ष
-डा० दरबारीलाल कोठिया ज्ञान और कथन की सत्यता का प्रश्न-जैनदर्शन के परिप्रेक्ष्य में
-डा० सागरमल जैन जैनदर्शन में आत्मा और पुनर्जन्म
--विश्वनाथ चौधरी 14. सत् का लक्षण : अर्थ क्रियाकारित्व
-राजकुमार छावड़ा 15. श्रमणधर्म और समाज
--डा० रामप्रकाश पोद्दार Appendix I
List of Ph. D Scholars Working at the Institute ..... Appendix II
List of Successful Research Scholars Appendix III
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