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1. धर्म
— जिनेन्द्र वर्णी
2. यमविज्ञान और जैनदर्शन
3. स्वयंभूपूर्व अपभ्रंश - कविता
4. वैभाषिक-मत समीक्षा
10.
- डॉ० रमेशचन्द्र जैन
5. जैन नीतिदर्शन की सामाजिक सार्थकता - डॉ० सागरमलजैन
6. विष्णुधर्मोत्तरपुराण का प्राकृतलक्षण : एक तुलनात्मक विवेचन
-- डॉ० कृष्णकुमार झा
7. जैनवाङ्मय
13.
- डॉ० सर्वानन्द पाठक
- ब्र० मनोरमा जैन
8. तेरापंथी संतो की काव्य-साधना
- डा० सुमेरमल वैद्य
9. शून्य अद्वैतवाद की तार्किक मीमांसा: जैन दर्शन के आलोक में — डा० लालचन्द जैन
आध्यात्मिक साधना का विकासक्रम- गुणस्थान सिद्धांतः
एक तुलनात्मक अध्ययन
15.
(ii)
- डॉ० देवेन्द्रकुमार जैन
11. जैनदर्शन के परिप्रेक्ष्य में मुक्ति
- प्रो० महाप्रभुलाल गोस्वामी 12. प्राकृत भाषा और उसका मूलाधार - डा० शारदा चतुर्वेदी
जैन कानून प्राचीन और आधुनिक -- प्रमोद कुमार चौधरी
16.
پورا
14. वसुदेवहिण्डी : प्राकृत-बृहत्कथा
- श्रीरंजन सूरिदेव
प्राचीन जैन शिलालेखों एवं जन-ग्रंथ प्रशस्तियों में उल्लिखित कुछ श्रावक-श्राविकाएँ
-डा० राजाराम जैन
- डा० सागरमल जैन
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तमसा और गम्भीरा
- डा० देवनारायण शर्मा वैशाली में पड़ाव
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-- आनन्द भैरव शाही (अनु० )
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