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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir कतिपय धवल और विवाहलोकी नई उपलब्धि . लेखक : श्रीयुत अगरचदन्जी नाहटा 'जैन सत्य प्रकाश' के क्रमांक १३०-३१ में प्रो. होरालाल कापडियाका विवाहला साहित्य पर लेख प्रकाशित हुआ था उसकी पूर्ति मैंने क्रमांक १३३में की थी । पर उसके पाश्चात् भी खोज निरन्तर चालु रही और इसके फलस्वरूप जिन अन्य विवाहलोकी उपलब्धि हुई है उनका परिचय प्रस्तुत लेख द्वारा कराया जा रहा है। १ श्रीयुत कापडियाने जैन गुर्जर कविओमें उल्लिखित २२ विवाहलोका परिचय दिया था, जिनमें १ जनेतर रचितको छोड देने से २१ जैन रचित थे । मैंने १ अपभ्रंश, ८ राजस्थानी-गुजराती के कुल ९ एवं २ जैनेतर विवाहलोका निर्देश किया था। अर्थात् अभीतक श्वे. जन विद्वानोंके ३० विवाहला काव्यों का परिचय प्रकाशित हुआ है, उनके अतिरिक्त निम्नोक्त प्राप्त है १ मंगलकलश विवाहला गा. १७०, धनराज, सं. १४८०, (हमारे संग्रहमें) २ हेमविमलसूरि विवाहला गा. ७१ (प्रारंभ त्रुटित) ३ कयवन विधाहलो गा. २५, देपा, प्रतिलिपि ४ शांतिनाथ विवाहला सहजकीर्ति, सं. १६७८ विजयादशमी पत्र १५ तेरापन्थी सभा, सरदारशहर. ५ आर्द्रकुमार विवाहला गा. २५, देपाल, (जैन गु. क. भा. १ में इसे धवललिखा है, स्टेट लाइब्रेरोकी प्रतिमें विवाहलो संज्ञा दी गई है, ६ पार्श्वनाथ विवाहला, ढाल ४६ ब्रह्म (ग्रन्थ ४६०). (सं. १६१७ श्रावण) (विजयधर्मसूरि ज्ञानमंदिर गुटका) ७ वीरचरित्र विवाहला, ढाल ३७ ८ महावीर विवाहला गा. ३२२ (सं. १६८४, लिखित हरिसागर, गुटका ) (हरिसागरसूरि ज्ञानभंडार लोहावट गुटका नं. २४ एवं यहांके बडे ज्ञानभंडारकी प्रतिमें ३२२ गाथाका उक्त विवाहला है। आगरेकी प्रतिसे वह भिन्न है या दोनों एक ही है ? विना मिलान किये ठीक नहीं कहा जा सकता.) ९ चंद्रप्रभ विवाहला, गा. ४१, तपा उदयवर्द्धन (विजयसेनसूरि शिष्य) सं. १६८४ लिखित उपर्युक्त हरिसागर गुरकेमें १० कृष्णजी विवाहला; हरदास, (ग्रन्थ १७०) सं. १७७८ से पूर्व (हमारे संग्रहमें ) ११ पिपलगच्छ गुरु विवाहलो गा. ५ १२ शत्रुजय चैत्यपरिपाटी विवाहलो गा. २५ १३ पार्श्वनाथ विवाहला; सं. १८६० आ. सु. १३ भरुच, जै. गु. क. भा.३ पृ. १७७. For Private And Personal Use Only
SR No.521650
Book TitleJain_Satyaprakash 1949 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaindharm Satyaprakash Samiti - Ahmedabad
PublisherJaindharm Satyaprakash Samiti Ahmedabad
Publication Year1949
Total Pages28
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Jain Satyaprakash, & India
File Size12 MB
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