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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 'विवाहलउ' संज्ञक अन्य जैन रचनायें लेखक-श्रीयुत अगरचंदजी नाहटा, बीकानेर " श्री जैन सत्य प्रकाश " के गत १३०-१३१ वे अंकमें प्रो. हीरालाल र. कापडियाका “विवाहलउ साहित्य रेखादर्शन" शीर्षक लेख प्रकाशित हुआ है उसकी कतिपय भूल-भ्रांतियोंका निरसन करते हुए विशेष ज्ञातव्य प्रकाशित किया जा रहा है। १. जिनपद्मसूरिका सं. १४८० में स्वर्ग लिखा वह गलत है। उनका स्वर्ग सं. १४०० में हुआ है। संभव है छपनेमें या लिखनेमें भूल रह गई हो । २. सं. १४०० के लगभगकी लिखित प्रतिमें नेमिनाथद्वादसमासवर्णन गा. १६ अज्ञातकतृक उपलब्ध है । पता नहीं वह विनयचंद्रसे पूर्वका है या समकालीन है। ३. बालशिक्षाके रचयिता संग्रामसिंहको भरतेश्वर-बाहुबलीरासकी प्रस्तावना पृ. ४१ में खंभातके श्रीमाल दाढाके पुत्र कुमरसिंहका पुत्र लिखा है। १. विवाहलउकी सूचिमें निर्दिष्ट निम्नोक्त रचनायें हमारे संग्रहमें हैं(१) ऋषभदेवविवाहलउ सेवग। (७) नेमिविवाहलउ वीरविजय । (२) कीर्तिरत्नसूरिविवाहलउ कल्याणचंद्र। (८) शांतिनाथविवाहलउ ब्रह्म । (३) गुणरत्नसूरिविवाहलउ पद्ममंदिर। (९) सुमतिसाधुविवाहलउ लावण्यसमय। (४) जिनचंद्रसूरिविवाहलउ सहजज्ञान । (१०) जंबूविवाहलउ हीरानंदसूरि । (५) जिनेश्वरसूरिविवाहलउ सोममूर्ति। (११) शांतिविवाहलउ आणंदप्रमोद । (६) जिनोदयसृरिविवाहलउ मेरुनन्दन । (१२) नेमिविवाह केवल (प्रकाशित)। इनमेंसे नं. ५-६ हमने अपने संपादित ऐतिहासिक जैन काव्य संग्रहमें प्रकाशित भी कर दिये हैं । नं. २-३-४ को प्रतिलिपी जैसलमेर भंडारसे लाई गई है, और भन्यत्र अद्यावधि अप्राप्त है। ५. आदिनाथ रास धवल और ऋषभदेवविवाहलउ दोनों एक ही विषयकी रचनाओंके रचयिता एक ही नामवाले 'सेवक' कविका होना विचारणीय है। ऋषभदेव विवाहलउ - का बहुत ही प्रचार रहा है । उसकी करीब ८-१० प्रतियें तो मेरे संग्रहमें ही है। ६. कीर्तिरत्नसूरिविवाहलउके कर्ता कल्याणचन्द्र देवचन्द्र के शिष्य न हो कर १ हमारे संग्रहकी प्रतिमें अंतमें 'हीराणंद'के स्थान पर 'जइप्रभरि' पाठ है। For Private And Personal Use Only
SR No.521625
Book TitleJain_Satyaprakash 1946 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaindharm Satyaprakash Samiti - Ahmedabad
PublisherJaindharm Satyaprakash Samiti Ahmedabad
Publication Year1946
Total Pages36
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Jain Satyaprakash, & India
File Size18 MB
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