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________________ Vol. XLI, 2018 संस्कृत तथा फारसी के क्रियापदों में साम्य 135 ६२. ,, ७६७ ६३. ,, ४१३ ६४. ,, ५९६ , ७२५ ६६. 'यास्क भी कहते हैं 'शवतिगतिकर्मा कम्बोजेष्वेव भाष्यते ।...' अर्थात "पख्तूनिस्तान में 'शव' का 'जाना' अर्थ जैसी सामान्य गति-क्रिया अर्थ में प्रयोग होता है तो वहीं आर्यों में महा-गति (मृत्यु) अर्थ को दृष्टि में रखकर निष्पन्न 'मुर्दा शरीर के लिए यह प्रयुक्त है।" निरुक्त, पृ.सं. १६९ अष्टाध्यायी धातुपाठ १०४३ __वैदिक संस्कृत में वह धातु क्भृ के रूप में प्राप्त होती है। तुलना करें- 'हग्रहोर्भश्छन्दसि हस्येति वक्तव्यम्' - ९३३ वार्तिक (वा० प्र०, पृ० सं० ४४१) से । जिससे फारसी बर(बुर्दन) का नैकट्य है। ६९. पा० धा० पा० ८९९ ७०. पा. धा० पा० ४७४ ७१. वही १०४९ ७२. मालविकाग्निमित्रम् ३.७ ३. अतिहीब्लीरीक्नूयीक्ष्माय्यातां पणौ ७.३.३६ ७४. पा० धा० पा०, १२६० ७५. वही, १०४९ ७६. विक्रमोर्वशीयम्, ५.२५ अभिज्ञान, ४.१८ ७८. फा० भा० प्र०, पृ० ९७ पा० धा० पा० १२०१ ८०. रघु० १३.२० ८१. फा० भा० प्र०, पृ० १११ ८२. पा० धा० पा० ६८५ ८३. वही ४३ ८४. नैषधचरितम् २.६९ ८५. पा० धा० पा० १२८६ ८६. विक्रमोर्वशीयम् ०१.२० ८७. पा० धा० पा. ८२७ ८८. भट्टि ८.२ ८९. रघु० १.१४ ९०. नि० ज० फा॰, पृ० १८ ९१. पा० धा० पा० ८७८ ९२. पञ्चतन्त्र ३.१६, पृ० ३४३ ९३. पा० धा० पा० १७१९
SR No.520791
Book TitleSambodhi 2018 Vol 41
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJ B Shah
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year2018
Total Pages256
LanguageEnglish, Sanskrit, Prakrit, Gujarati
ClassificationMagazine, India_Sambodhi, & India
File Size20 MB
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