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________________ सागरमल जैन SAMBODHI वीं शती) द्वारा रचित 'आचार दिनकर' नामक ग्रन्थ की प्रतिष्ठाविधि में निम्न दो श्लोक मिलते हैं ॐ हीं नमो भगवती ब्रह्माणि वीणा पुस्तक ।। पद्माक्षसूये हंसवाहने श्वेतवर्णे इह षष्ठि पूजने आगच्छ ॥ पुनः श्वेतवर्णा श्वेतवस्त्रधारिणी हंसवाहना श्वेतसिंहासनासीना चतुर्भुजा । श्वेताब्जवीणालङ् कृता वामकरा पुस्तकमुक्ताक्षमालालङ् कृत दक्षिण करो ॥ -आचार्य दिनकर प्रतिष्ठाविधि जहाँ तक दिगम्बर परम्परा का प्रश्न है, उस परम्परा के ग्रन्थ 'प्रतिष्ठासारोद्धार' में सरस्वती के सम्बन्ध में निम्न श्लोक उपलब्ध है वाग्वादिनी भगवति सरस्वती ही नमः, इत्येनमूलमन्त्रेण वेष्टयेत् । ओं ही मयूरवाहिन्यै नमः इति वाग्देवता स्थापयेत ॥ -प्रतिष्टासारोद्वार दोनों परम्पराओं में मूलभूत अन्तर यह है कि श्वेताम्बर परम्परा में सरस्वती का वाहन हंस माना गया है, जबकि दिगम्बर परम्परा में मयूर । हंस विवेक का प्रतीक है सम्भवतः इसीलिए श्वेताम्बर आचार्यों ने उसे चुना हो । फिर भी इतना निश्चित है कि सरस्वती इन प्रतिमा लक्षणों पर वैदिक परम्परा का प्रभाव है। साथ ही उससे समरूपता भी है। मथुरा से प्राप्त जैन सरस्वती की प्रतिमा में मात्र एक हाथ में पुस्तक है, जबकि परवर्ती जैन सरस्वती मूतियों में वीणा . भी प्रदर्शित है । क्या 'आर्यावती' जैन सरस्वती है ? ___ मैंने अपने पूर्व के दो आलेखों - १. 'अर्धमागधी जैन आगम साहित्य में सरस्वती' और २. 'जैनधर्म में सरस्वती उपासना' - में जैनधर्म में सरस्वती की अवधारणा और उपासना का विकास किस रूप में हुआ, यह देखने का प्रयास किया था । प्रस्तुत आलेख में मेरे विमर्श का विषय है, - क्या मथुरा के जैन शिल्प में उपलब्ध आर्यावती के दो शिल्पांकन वस्तुतः जैन सरस्वती या जैन श्रुतदेवी (श्रुतदेवता) के शिल्पांकन हैं । ____ ज्ञातव्य है कि मथुरा के कंकालीटीला के जैन स्तूप से जो पुरासामग्री उपलब्ध हुई है, उसमें जैन सरस्वती की प्रतिमा के साथ-साथ दो आयागपट्ट ऐसे उपलब्ध हुए हैं जिनपर 'आर्यावती' नामक किसी देवी प्रतिमा का शिल्पांकन है । यद देविप्रतिमां क्या श्रुतदेवी या जैन सरस्वती है ? यही प्रस्तुत आलेख का समीक्ष्य विषय है, क्योंकि आज तक अनेक भारतीय और पाश्चात्य पुराविद यह निर्णय नहीं कर पाये हैं । यह 'आर्यावती' की देवीप्रतिमा वस्तुतः कौन सी देवी की प्रतिमा
SR No.520783
Book TitleSambodhi 2010 Vol 33
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJ B Shah, K M patel
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year2010
Total Pages212
LanguageEnglish, Sanskrit, Prakrit, Gujarati
ClassificationMagazine, India_Sambodhi, & India
File Size21 MB
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