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________________ 72 मनसुख मोलिया SAMBODHI आर्या, विपुला आर्या, गीति, उपगीति, उद्गीति, आर्यागीति आदि प्रकारों के विवरण के बाद हेमचन्द्राचार्य ने प्रत्येक प्रकार के सोलह प्रभेदों का सोदाहरण निरूपण किया है । हेमचन्द्राचार्य के पूर्ववर्ती ग्रन्थों में मात्रा वृत्तों का इतना सूक्ष्मातिसूक्ष्म विवेचन प्राप्य नहीं है। हेमचन्द्राचार्य ने छन्दों के उदाहरण के लिए विविध पद्यों की रचना की है। ये उदाहरण उनकी कविप्रतिभा के परिचायक हैं । इनमें कहीं प्रकृति का सुन्दर चित्रण है, कहीं शृंगारादि रस का निरूपण है, कहीं सिद्धराज जयसिंह, कुंमारपाल या चौलुक्य वंश की प्रशस्ति है तो कहीं जिनधर्म के सिद्धान्तों और तीर्थंकरो की महिमा का गौरवगान है । यहाँ केवल दो उदाहरण प्रस्तुत हैं । भद्रिका छन्द - परिहर नितरां परापदं कुरु जिनवचनेऽनुरागिताम् । इति तव चरतः परे भवे भवति सपदि भद्रिका गतिः ॥ छन्दोऽनुशासनम्, २.१४३.१ रम्यनितम्बां नवतनुलतिकां सम्भृततृष्णां गजगतिरुचिराम् । विन्ध्यधरित्री तव नृप रिपवः सम्प्रति भर्जुनं तु निजललनाम् ॥ उपर्युक्त, २.१८६.१ इस प्रकार छन्दोऽनुशासन में छन्दों की संख्या, सूत्रशैली का लाघव, अन्य आचार्यों के मत का निर्देश, छन्दों के निरूपण का क्रम, वर्णवृत्त और मात्रावृत्त के पारस्परिक सम्बन्ध की परख, काव्यत्वपूर्ण उदाहरणों आदि अनेक दृष्टियों से हेमचन्द्राचार्य ने संस्कृत छन्दःशास्त्र में महत्त्वपूर्ण प्रदान किया है । सन्दर्भसूची: ललना छन्द १. वाचं ध्यात्वाऽऽर्हतीं सिद्धशब्दकाव्यानुशासनः । काव्योपयोगिनां वक्ष्ये छन्दसामनुशासनम् ॥ १.१, छन्दोऽनुशासनम्, हेमचन्द्राचार्य, सं० प्रो० एच० डी० वेलणकर, सिन्धी-जैन ग्रन्थमाला क्रमांक-४९, भारतीय विद्याभवन, मुम्बई, ई० सं० १९६२ । २. वृत्तरत्नाकरः, केदार भट्ट, सं० श्रीधरानन्द शास्त्री, मोतीलाल बनारसीदास, दिल्ली, द्वितीयावृत्ति, ई० स० १९७५, ३.७८ ३. समानेनैकादिः ॥ छन्दोऽनुशासनम्, १.४, ग्लौ मादयो दादयश्च समानेन लक्षिता एकादिसंख्या भवन्ति । यावतिथ: समानः तावतिथा गादयोऽपि गृह्यन्ते । ग गा गि गी गु गू ग ग ग्लू ग्ल । एवं लादयोऽपि ॥ १.४.१ ४. छन्दोऽनुशासनम्, २.२४३ ५. सिल्गा विदुषी ।। उपर्युक्त, २.१३१ ६. सीस्तोटकम् । उपर्युक्त, २.१६२
SR No.520781
Book TitleSambodhi 2007 Vol 31
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJ B Shah
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year2007
Total Pages168
LanguageEnglish, Sanskrit, Prakrit, Gujarati
ClassificationMagazine, India_Sambodhi, & India
File Size21 MB
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