SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 167
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 156 पारुल माकड SAMBOI ३ अनन्वये उपमानान्तरव्यवच्छेदो व्यङ्ग्य , असमे वाच्य , उपमेयोपमाया तृतीयोपमानव्यवच्छेदो व्यङ्ग्य इति विशे ४ मादृश्यनिवन्धन पकृतसशय सन्देह । (अल प्र.-८) और (अल. स. सू. १८ की वृत्ति) मदर्भग्रन्थ.१ सपा नपालप्रदेशीय-श्री विष्णुप्रसाद भण्डारी 'अलकारप्रदीप' (आचार्य विश्वेश्वरकत) हरि सस्कृतग्रन्थमाला, ई. स. १९२३ २ सपा मी. आर. देवधर, अलकाररत्नाकर (शोभाकरमित्र कृत) ओरियन्टल बुक एजन्सी पूणे, ई. स. १९ ३ सपा. डॉ. ग्वाप्रमाद द्विवेदी, अलकारसर्वस्व (रुय्यककृत) चौखम्बा सस्कृत सीरीज आफिस, वारा ई. म १९७१ ४ पारुल माकड, अर्थालकारों की विकासयात्रा के सदर्भ में अलकारसर्वस्वकार रुय्यक एक अध्ययन अप्रकाशित शोधप्रबन्ध, गुजरात युनिवर्सिटी, ई. स. ११८० संक्षिप्ताक्षर १ अलकारखदीप - अल. प्र. २ अलकाररत्नाकर अल. र. ३ अलकारसर्वस्व अल. स. ४ काव्यप्रकाश -का. प्र. ५ कुवलयानन्द -कुव. ६ द्रष्टव्य -द्र. ७ रसगगाधर र ग
SR No.520772
Book TitleSambodhi 1998 Vol 22
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJitendra B Shah, N M Kansara
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1998
Total Pages279
LanguageEnglish, Sanskrit, Prakrit, Gujarati
ClassificationMagazine, India_Sambodhi, & India
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy