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कि किज्जइ बहु अावरह किं बहुए अडवड वडिग कुहिएण पूरिएण य छिद्देश केवलु मलपरिवज्जियउ खतु पियतु वि जीव जड गमणागमणविवज्जियउ गहिलउ गहिलउ जणु भाइ गुरु दिणयरु गुरु हिमकरणु घरवासउ मा जाणि जिवन चिंतइ जंपइ कुगइ ण वि छत्तु वि पाइवि सुगुरुवडा छहदंसणगंथि बहुल
१२५ छहदसणधंधइ पडिय
११६ छंडेविणु गुणरयगणिहि
१५१ जइ इक्क हि पावीसि पय १७७ जइ मणि कोहु करिवि
१४० जइ लद्धउ माणिक्कडउ
२१६ जइ वारउं तो तहिं जि पर ११८ जरइ ण मरइ ण संभवइ जसु जीवतहं मणु मुवउ
१२३ जसु मणि णाणु ण विप्फुरइ कम्मह जसु मणि णाणु ण विष्फुरइ सव्व जसु मणि णिवसइ परमप्पर जं दुक्खु वि तं सुक्खु किउ जं लिहिउ ण पुच्छिउ कह व जाइ १६६ जं सुहु विसयपरंमुहउ जिणवरु झायहि जीव तुहुँ जिम लोणु विलिज्जइ पाणिए, जीव म जाणहि अप्पणा जीव वहति णरयगइ जेण णिरंजणि मणु धरिउ जे पढिया जे पंडिया जेहा पाणहं झुपडा तेहा
१०८ जोइय जोएं लइयइण जोइय भिण्णउ झाय तुहुं
१२९ जोइय विसमी जोयगइ
जोइय हियडइ जासु ण वि जोइय हियडइ जासु पर जोणिहि लक्खहिं परिभमइ जो पई जोइउं जोइया जो मुणि छंडिवि विसयसुह दिल्लउ होहि म इंदियह गायत्तणि जे गब्बिया णमिओ सि ताम जिणवर ण वि गोरउ ण वि सामलउ ण वि तुहुँ कारणु कज्जु ण वि ण वि तुहुं पंडिउ मुक्खु ण वि ण वि भुंजता विसयसुह णाणतिडिक्की सिक्खि' वढ णिच्चु णिरामउ णाणमउ णिज्जियसासो णिफंदलोयणो णिल्लक्खणु इत्थीबाहिरउ तउ करि दहविहु धम्मु करि तरुणउ बूढउ बालु हर तव तणुअंमि सरीरयह तव दावणु वय भियअडा ताम कुतित्थई परिभमड ता संकप्पवियप्या तासु लीह दिढ दिज्जइ तित्थई तित्थ भमंतयह कि तित्थई तित्थ भमंतयहं संता० तित्थई तित्थ भमेहि वढ तिहुयणि दीसइ देउ जिणु तुदृइ बुद्धि तड त्ति जहिं तुट्टे मणवावारे भग्गे तह तूसि म रूसि म कोहु करि तोडेवि सयल वियप्पडा दयाविहीणउ धम्मडा दहविहु जिणवरभासियत देखताहं वि मूढ वढ देव तुहारी चिंत महु देवलि पाहणु तित्थि जलु
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