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(कान्तिविजय जैन इतिहास माला; १). ५२. विज्ञप्तिलेख संग्रह.-मुंबई : भारतीय विद्याभवन, 1960. (सिंघी जैन ग्रंथमाला; 51). ५३. विधि मार्ग प्रपा नाम सुविहित सामाचारी.-मुंबई : झवेरी मूलचन्द्र हीराचन्द्र, 1941,
(जिनदत्त सूरि प्राचीन पुस्तकोद्धार फंड, 44). ५४. विविधगच्छीय पट्टावली संग्रह-१.आ.-मुंबई : भारतीय विद्याभवन, 1961.
(सिंघी जैन ग्रंथमाला; 53). ५५. विविध तीर्थकल्प/जिनप्रभसूरि-१.आ.-कलकत्ता : सिंघी जैन ज्ञानपीठ, 1984.
(सिंघी जैन ग्रंथमाला; १०). भाग. १ ५६. शकुन प्रदीप/लावण्य शर्मा-जोधपुर : राजस्थान प्राच्य प्रतिष्ठान, 1964.
(राजस्थान पुरातन ग्रंथमाला; 89). ५७. शत्रुजय तीर्थोद्वार प्रबंध-१.आ.-भावनगर : जैन आत्मानंद सभा, 1917.
(कान्तिविजय जैन इतिहासमाला; 3). ५. सन्देशक रास/अब्दुल रहमान.-१. आ. मुंबइ : भारतीय विद्याभवन, 1945.
(सिंघी जैन ग्रंथमाला; 22). ५९. हम्मीर महाकाव्य नयचन्द्र रि-१. आ.-जोधपुर राजस्थान प्राच्य प्रतिष्ठान, 1968.
(राजस्थान पुरातन ग्रंथमाला; 65). ६०. हेतुबिन्दु टीका/भट्ट अर्चट, दुर्वेक मिश्र 'कृत आलोक सह संपा.. सुखलालजी संघवी,
जिनविजय मुनि.-बरोडा : ओरिएन्टल इन्स्टीटयुट, 1947. (गायकवाड ओरिएन्टल
सीरीझ, 113). ६१. Catalogue of Sanskrit and Prakrit Manuscripts/ed. Muni
Jina Vijayaji-1959-76. (Rajasthan Puratan Granth mala; No. 42, 44, 71, 77, 81, 82, 85, 91, 125),
(सामयिक) जैन साहित्य संशोधक, 1920 भारतीय विद्या 1939
सिंधी जैन ग्रंथमाला भारतीय विद्याभवन, मुंबई,
१. प्रबन्ध चिंतामणि मेरुतुंग आचार्य; संपा जिनविजय मुनि-1933. २. पुरातन प्रबन्ध संग्रह/संपा. जिनविजय मुनि.-1936. ३. प्रबन्ध चिंतामणि मेस्तुंग आचार्य; संपा. जिनविजय मुनि, अनु. हजारीप्रसाद द्विवेदी-1940. ४. धर्माभ्युदय महाकाव्य = संघपति चरित/उदयप्रभसूरि, नागेन्द्र गच्छीय; संपा. चतुर विजय मुनि,
पुण्य विजय मुनि.-1942.