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________________ जाती है। प्रति का परिमाण २५'४४११४ से० मी० है । इस प्रत के कुल पत्र १०७ प्रत्येक पत्र में पाँच पंक्तियाँ हैं तथा प्रत्येक पंक्ति में प्रायः ३४ से ३५ तक के अक्षर पाये जाते हैं । प्रति की दशा अच्छी है। आदि- श्रीऋषभदेवाय नमोनमः । श्रीमद्गोडिपाश्र्श्वपरमेश्वराय नमोनमः । तेर्ण काळेणं तेन समयेणं रायगिहे नाम नयरे होत्था वण्णओ || अन्त दसवयणंबूच्छेयं जाइस्ससी । सेणीया । एस जंबूक्ष्चमभवदिद्व ं । ते Buy I संखेव (वे)ज भणीयध्वा । अणयारग्गये । विश्थारपउर भविस्ससी । एस जम्बूचरीय जे सुच्चा सद्दहसि से आराहगा भाणियव्या जम्बूअज्झषणाए एगविसमो उद्देखो। एवं जम्बूह्मण समत
SR No.520762
Book TitleSambodhi 1983 Vol 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDalsukh Malvania, H C Bhayani, Nagin J Shah
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1983
Total Pages326
LanguageEnglish, Sanskrit, Prakrit, Gujarati
ClassificationMagazine, India_Sambodhi, & India
File Size11 MB
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