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________________ __ श्रीपार्श्वनाथचरितमहाकाव्य सर्वसावधयोगानामुज्झनं चरणं विदुः । सत्येव दर्शने ज्ञानं चारित्रं स्यात् फलप्रदम् ।।१४९।। दर्शनज्ञानविकलं चारित्र विफलं विदुः ।। त्रिषु द्वयेकविनाभावात् षोढा स्युर्दुर्नयाः परे ॥१५०।। दर्शनादित्रयं मोक्षहेतुः समुदित हि तत् । महाव्रतोऽनगारः स्यात् सागारोऽणुव्रती गृही ॥१५१।। आप्तो यथार्थवादी स्यादाप्ताभासास्ततः परे । आप्तोक्तिरागमा ज्ञेयः प्रमाणनयसाधनः ॥१५२।। विपर्यस्तस्तदाभास इति तत्त्वस्य निर्णयः । य एनां तत्त्वनिर्णीतिं मत्वा याथात्म्यमात्मसात् ।।१५३।। श्रद्धत्ते स तु भव्यात्मा परं ब्रह्माधिगच्छति । पुरुषं पुरुषार्थ च मार्ग तत्फलमाह सः ॥१५४।। लोकनाडौं समस्तां च व्याचख्ये त्रिजगद्गुरुः । भवद् भूतं भविष्यच्च द्रव्यपर्यायगोचरम् ।।१५५।। (१४९) सब प्रकार की दोषयुक्त प्रवृत्ति के त्याग को चारित्र कहते हैं। सम्यक् दर्शन हो तभी ज्ञान और चारित्र फलप्रद होते हैं । (१५०) दर्शन और ज्ञान से रहित चारित्र विफल है- ऐसा बिद्वान लोग समझते हैं । इन तीनों में से एक या दो से रहित छः विकल्प होते है, जो दुर्नय हैं । (१५१) दर्शन आदि ये तीन मिलकर मोक्ष का एक ही उपाय बनता है । महाव्रतधारी अनगार है । अणुव्रतधारी श्रावक है। (१५२) जो यथार्थवादी है वह आप्त है, बाकी सब आप्त न होते हुए भी आप्त की भ्रान्ति करने वाले हैं । आप्तव वन ही आगम है, ऐसा समझना चाहिए । प्रमाण और नय आगम के साधन है, उपाय है। (१५३-१५४) इस लक्षण से रहित जो वचन है वह आगमाभास है । आगम में तत्त्व का जो निर्णय किया गया है उसको सचमुच तत्त्वनिर्णय मान कर बो यथायोग्य मावपूर्वक श्रद्धा रखता है वह भव्यात्मा है। वह (मुक्त होता है अर्थात्) परमब्रह्म को प्राप्त करता है । फिर उन्होंने (अर्थात् पार्श्वनाथने) पुरुष, पुरुषार्थ, मार्ग और मार्गफल कहा । (१५५) उपरति, तीनों जगत् के गुरु पान ने समस्त लोकमाची की व्याख्या की। भूत, भविष्य, वर्तमान (सब) द्रव्य के (सभी) का) विषय था । m - सत्र मायके सभी पांय लहान Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.520761
Book TitleSambodhi 1982 Vol 11
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDalsukh Malvania, H C Bhayani, Nagin J Shah
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1982
Total Pages502
LanguageEnglish, Sanskrit, Prakrit, Gujarati
ClassificationMagazine, India_Sambodhi, & India
File Size11 MB
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