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जैन तीर्थंकरोंकी द्वितीर्थी मूर्तियों का प्रतिमा-निरूपण (९) मन्दिर : ४ की ग्यारहवीं शती की मूर्ति । (१०) चार उदाहरण । (११) दो उदाहरण । (१२) दस उदाहरण । (१३) दस से अधिक उदाहरण । (१४) मन्दिर : १२ को दक्षिणी चहारदिवारी और मन्दिर : १६ की द्वीतीर्थी
मूर्तियों में सूर्य, राहु, केतु एवं एक अन्य ग्रह को उत्कीर्ण नहीं किया गया है। मन्दिर : १६ की मूर्ति में राह उपस्थित है। नवग्रहों को केवल एक
ही उदाहरण में दिखाया गया है । (१५) मन्दिर : १२ को पश्चिमी चहारदीवारी और मन्दिर :८ को १० वीं-११
शती की मूर्तियां । कुछ उदाहरणों में सेविकाओं की भुजाओं में केवल छत्र का दण्ड ही प्रदर्शित हैं। छत्र का शीर्ष भाग नहीं दिखाया गया है।
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