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________________ शिशुपालवध में सन्धियोजना नियताप्ति कहते हैं । एकोनविश सर्ग के प्रथमा तक अधिकतर प्राण्याशावस्था है। किसी किसी स्थल पर 'नियताति' के भी चिह्न दिखाई देने लगते हैं। यथा-शिशुपालपक्षीय सैनिकों तथा श्रीकृष्णपक्षीय वीरों के द्वन्द्व युद्ध में श्रीकृष्णपक्षीय वीरों के विजयी होने के वर्णन प्रसङ्ग में । इसी सर्ग के ८३ वें श्लोक से नियताप्ति पूर्णरूपेण मारम्भ होती है । श्रीकृष्ण के शिशुपाल को सेना पर आक्रमण करने और उनके दिगन्त तक व्याप्त तीक्ष्णध्वनि-कारक एवं मर्मविदारक बाणो तथा शत्रुओं को एक साथ निरस्त करने में नियताप्ति अवस्था है। यह अवस्था काव्य में बडे सुन्दर रूप से विकास को प्राप्त हुई है। कुछ उदाहरण द्रष्टव्य है-अनेक बाणों को छोड़ने वाले उन श्रीकृष्ण भगवान के धनुष ने बहुत से शत्रुओं के प्राण हर लिए और दूसरे शत्रु का समीप रहना सहन नहीं किया अर्थात् श्रीकृष्ण के धनुष ने शत्रुओ को मार डाला और उनके धनुषों को प्रत्पश्चाओं को काट डाला 'श्रीकृष्ण ने युद्ध-प्राङ्गण में राज-श्रेणियों को भग्न कर दिया। पृथ्वी के भार को हल्का करने के लिए अवतीर्ण होकर भी उन्होंने शत्रुसमूह से पृथ्वी को भारभूत कर दिया अर्थात् उन्हें मार दिया । विश सर्ग में भी 'नियताप्ति' अवस्था की ही प्रधानता है । श्रीकृष्ण तथा शिशुपाल के युद्ध में श्रीकृष्ण द्वाग विभिन्न प्रकार के बाण-प्रयोग में यही अवस्था है । फलागेम जहाँ सम्पूर्ण फल की प्राप्ति हो जाये, उस अवस्था को 'फलयोग' या 'फलागम' कहते हैं। विश सर्ग के अन्तिम दो श्लोकों में 'फलागम' अवस्था है जहाँ श्रीकृष्ण के सुदर्शन चक्र से शिशुपाल के सिर काटने एवं १. दशरूपक-अपायाभावतः प्राप्तिनियताप्ति सुनिश्चिता । १। २१ २ शिशु०-दिमुखव्यापिनस्तीक्ष्णानहादिनो मर्मभेदिन । चिक्षेपैकक्षणेनैव सायकानहितांश्च सः ।।१९ । ९५ ३ शिशु०- मुक्कानेकशर प्राणानहरद्र्यसां द्विषाम् । तदीय धनुर यस्य न हि सेहे सजीवताम् ॥ १९।१०१ ४. शिशु०-१९ । १०२ ५ शिशु०-विधातुमवतीर्णोऽपि लघमानमसौ भुवः । अनेकमरिसघातमकरोद् भूभवर्धनम् ॥१९।१०५ ६. दशरूपक-समप्रफलसम्पत्तिः फलयोगो यथोदितः । । ५२
SR No.520753
Book TitleSambodhi 1974 Vol 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDalsukh Malvania, H C Bhayani
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1974
Total Pages397
LanguageEnglish, Sanskrit, Prakrit, Gujarati
ClassificationMagazine, India_Sambodhi, & India
File Size11 MB
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