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निवेदन....
संशोधननी दुनियामां बे शब्दो समजी राखवा जेवा छे : शोध तेमज संशोधन. देखीती रीते परस्परना पर्यायरूप जणाता आ बन्ने शब्दोना अर्थ भिन्न भिन्न छे एम कोई कहे तो आपणने आश्चर्य न थq जोईए. आपणे बन्नेना अर्थ तपासीए. ___'शोध' एटले जे वस्तु अथवा विचार अथवा सिद्धान्त, जगतमां क्यांय, कोई पासे, क्यारेय होय नहि, तेवी वस्तु के सिद्धान्त कोई प्रथमवार शोधी काढे ते. ते शोधने शोधनार माणस तेनो 'शोधक' कहेवाशे; संशोधक नहि.
अने, जे पदार्थ, विचार, सिद्धान्त के पाठ अगाऊ क्यारेक, क्यांक विद्यमान / उपलब्ध होय, परन्तु काळना वहेवा साथे ते क्यांक खोवायो होय के तेमां बाझी गयेला जाळां-भ्रान्ति के भ्रान्त धारणानां आवरणोमां अटवायो होय के तेमां ऊलटसुलट थवाथी तेनां नाम, स्वरूप, प्रकार वगेरे बदलाई गयां होय, तेवा पदार्थ, सिद्धान्त तथा पाठने तेना असल रूपमा खोळी काढवा तथा पुनः प्रतिष्ठित करवा तेनुं नाम 'संशोधन'. ते शोधनारो संशोधक कहेवाशे; शोधक
नहि.
शोधकर्नु नाम भूगर्भमा रहेली खाणमांथी सोनुं काढी / शोधी आपवानुं छे; तो संशोधक, काम कचरामां खोवायेली सोनानी करचने, धूळधोयानी माफक, पाछी शोधी/वीणी आपवानुं छे. अंग्रेजीमां आ बन्नेने माटे आ बे शब्दो, कदाच, प्रयोजाया छे : Invention (शोध) अने Research (संशोधन).
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