SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 88
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ८० अनुसन्धान - ५४ श्री हेमचन्द्राचार्यविशेषांक भाग - २ रचनाकार अने रचनाकाल : कृतिना रचयिता मुनि छे. पण्डित परमानन्द नामक आ कविनी आ एक ज कृति जै.गू.क.मां नोंधाई छे. त्यां आनी हस्तप्रत पण एक ज नोंधाई छे, परंतु अमने आनी छ हस्तप्रतो मळी छे. आथी एम लागे छे के आ रचना सारो प्रसार पामी हती. श्री विवेकहर्षगणीना गुरुनुं नाम हर्षाणन्द पण्डित हतुं. विवेकहर्षे ‘श्रीहीरविजयसूरिनिर्वाणरास' रच्यो छे अने ते ‘जै.ऐ.गू. काव्य संचय' (सं. जिनविजय, १९२६) मां प्रकाशित छे. कृतिमां रचनावर्षनो निर्देश नथी. एक ह.प्र. मां ले.सं. १६९८ आपेलो छे, तेथी आनो रचनाकाल १६२८ थी १६९८ वच्चेनो छे. जै. गू.क. मां आ रचना ‘नानादेशदेशीभाषामय स्तवन' एवा नामे नोंधाई छे. विजयसेनसूरिनो स्वर्गवास १६७१मां थयो हतो, तेथी तेनी पहेलां आनी रचना होवानुं त्यां जणाव्युं छे. परन्तु, आ कृति विजयसेनसूरि सम्बन्धित नथी पण विवेकहर्षगणी साथे सम्बन्धित छे, तेमज खाखर गामने आमां महत्त्व अपायुं छे ते जोतां १६५९ अने १६९८ वच्चे आनी रचना थई होय एम मानी शकाय. कृतिना पाठ विषे : अमने प्राप्त थयेल ६ हस्तप्रतोमांथी बे प्रतमां कृतिनुं नाम ‘विजयचिन्तामणि पार्श्वजिनस्तोत्र' छे. एक प्रत 'पार्श्वचिन्तामणि स्तवन' एवं नाम आपे छे. एकमां ‘नानादेशदेशीभाषामय श्री विजयचिन्तामणिपार्श्वजिनस्तोत्र' एवं नाम मळे छे. एक ह.प्र. ‘नानादेशीयभाषास्तवन' नाम धरावे छे, ज्यारे एक प्रत अपूर्ण छे तेथी तेमां नाम मळ्युं नथी. कडीओनी संख्या विशे पण एकमति नथी. बे प्रतमां कडीओनी संख्या ७८ छे, बे प्रतमां ५६ छे, एकमां ६२ छे, एक अपूर्ण छे. अमे अहीं कडीओने नवेसरथी क्रमाङ्क आप्या छे. क. २९ थी ३३ ए पांच कडीओ तथा ४४-४५ - ए बे कडीओ कुल सात कडीओ मात्र एक ज प्रत (लाद)मां ज छे. बाकीनो भाग बधी प्रतोमां समान छे, पण क्रमाङ्कमां गरबड छे. स्व. लिपिनिष्णात श्रीलक्ष्मणभाई भोजक पासेथी अमने जे फोटोकोपी मळी हती तेमां तेमणे कडीओ निश्चित करीने नोंधी हती. अहीं अमे ए प्रमाणे क्रमाङ्क राख्या छे. पांच कडीओमां गुजरातनी महिलाओना मुखे कच्छ अने कच्छना - -
SR No.520555
Book TitleAnusandhan 2011 02 SrNo 54
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2011
Total Pages209
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size2 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy