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________________ 6 अनुक्रमणिका 'कुमारसम्भव' - बालावबोध (अपूर्ण) लेखरत्नाकरपद्धतिः श्रीहेमचन्द्राचार्यनी अगमवाणी श्रीहेमचन्द्राचार्य विरचित प्रमाणमीमांसाना परिप्रेक्ष्यमां मतिज्ञानना उत्पत्तिक्रमनी विचारणा श्रीहेमचन्द्राचार्य तथा योगशास्त्र : प्रवचन हेमचन्द्राचार्य माटे प्रवर्तेली भ्रमणाओ अने तेनुं निरसन सं. हरिवल्लभ भायाणी सं. विजयशीलचन्द्रसूरि : सं. विजयशीलचन्द्रसूरि मुनि त्रैलोक्यमण्डनविजय डॉ. पीटर्सन श्री विजयचिन्तामणि पार्श्वनाथजिन स्तोत्र राजा कुमारपालनी अमारि-घोषणानी गवाही आपता बे प्राचीन अभिलेखो केटलीक ऐतिहासिक अप्रगट कृतिओ १ आचार्य प्रवर श्री जिनराजसूरि (प्रथम) विरचित श्रीपार्श्वनाथस्तोत्रम् ७ १० १५ ३९ विजयशीलचन्द्रसूरि ६२ सं. उपा. भुवनचन्द्र ७९ १०१ सं. मुनिसुजसचन्द्रसुयशचन्द्रविजयौ १०४ कवि देवचन्द्रजीनी एक अप्रगट रचना "रत्नाकर पच्चीसीभास" सं. मुनिसुजसचन्द्र-सुयशचन्द्रविजयौ ११८ श्रीरूपचन्द्रमुनिकृता साध्वाचारषट्त्रिंशिका ॥ सं. विजयशीलचन्द्रसूरि १२२ म. विनयसागर १२९ म. विनयसागर १३१ श्रावक द्वादश-व्रत-चतुष्पदिका खारवेलनो हाथीगुफा – अभिलेख (जैन धर्मनो उल्लेख करतो प्राचीनतम अभिलेख ) डॉ. हसमुख व्यास १३३ मिजिनस्तुतिः सं. श्रीजगच्चन्द्रसूरिशिष्य मुनि शीलचन्द्रविजय १४०
SR No.520555
Book TitleAnusandhan 2011 02 SrNo 54
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2011
Total Pages209
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size2 MB
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