SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 72
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ फेब्रुआरी-2005 माहिती १. श्रीपार्श्वनाथ विद्याश्रम वाराणसीना उपक्रमे सिद्ध थयेला एक महत्त्वपूर्ण प्रकल्पनुं नाम छे 'जैन साहित्यका बृहद् इतिहास' । आ प्रकल्प-अन्तर्गत सातेक ग्रन्थो प्रकट थया होवानुं स्मरण छे । आ ग्रन्थो हिन्दीमां आलेखाया छे । हवे तेना गुजराती अनुवादो उपलब्ध थई रह्या छे, ते एक आनन्दजनक वात गणाय । डॉ. नगीन शाह, डॉ. र. म. शाह जेवा मान्य विद्वानो पासे आ ग्रन्थोनुं गुजराती भाषान्तर करावीने तेनुं प्रकाशन करनार संस्थानुं नाम छे १०८ जैन तीर्थदर्शन भवन ट्रस्ट, अमदावाद । आवा उपयोगी कार्य बदल संस्थाने तथा तेना प्रेरक आचार्यप्रवरोने अभिनन्दन । उपरांत, आ संस्थाए पं. सुखलालजी द्वारा सम्पादित अने श्री हेमचन्द्राचार्यनी रचनारूप ग्रन्थ 'प्रमाण मीमांसा'नो गुर्जर अनुवाद तेमज डॉ. मोहनलाल मेहता-कृत हिन्दी ग्रन्थ 'जैन धर्मदर्शन' नो अनुवाद पण प्रकाशित कर्यो छे. बन्नेना अनुवादक डॉ. नगीन शाह छे. २. लघुत्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र (अपूर्ण) तथा आवश्यकसूत्र लघुवृत्ति (तिलकाचार्यकृत) आ बे ग्रन्थोनुं सम्पादन मुनि जिनेशचन्द्रविजयजी द्वारा चाली रह्युं छे. विद्याकार्य माटे साधुवाद. 10 नोंध : पोताना - हस्तक चालतां विद्याकार्य, शोधकार्य, प्रकाशनकार्यनी ट्रंकाक्षरी मुद्दासर माहिती लखी मोकलवा सर्वने विनंति छे. सरस कार्योंनी माहिती प्रकट करतां आनन्द थशे. Jain Education International 67 ✰✰ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.520531
Book TitleAnusandhan 2005 02 SrNo 31
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilchandrasuri
PublisherKalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
Publication Year2005
Total Pages74
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationMagazine, India_Anusandhan, & India
File Size4 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy