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________________ -जिन सूत्र भा भी जीना पड़े, तो भी जीऊंगा! मैं जीना चाहता हूं, मुझे क्या फिक्र | उसका पता चल जाएगा जो सदा सुरक्षित है। है कि कौन मरता है! जब मैं कहता हूं शून्य होने की बात, तो उसका कुल इतना ही तो महावीर की सारी अहिंसा का सूत्र यही है, कि तुम्हारे जैसे अर्थ है कि पूर्ण तुम हो। इधर तुम शून्य होने को राजी हुए तो ही सभी जीना चाहते हैं। तुम वही करो उनके साथ जो तुम अपने तुम्हारी दौड़-धूप मिटी। दौड़-धूप मिटी तो सारी चेतना मुक्त हुई साथ करना चाहते हो। तो तुम किसी को मारो मत! लेकिन जो दौड़-धूप से, चेतना घर लौटी। बाहर नहीं जाओगे तो कहां किसीको न मारेगा, वह मरना शुरू हो जाएगा। जाओगे? घर आओगे! घर आने का कोई रास्ता थोड़े ही यह जीवन तो बड़ा संघर्ष है। यहां तो तम दसरे की गर्दन न है—बस बाहर जाना छोड़ देना है कि घर आ गए। घर तो तम हो दबाओ तो कोई तुम्हारी गर्दन दबाएगा। यहां तो सुरक्षा का सबसे ही, तुम्हारी वासना ही भटकती है दूर-दूर। ग है। मैक्यावली से पछो। महावीर से यहां तम बैठे मझे सन रहे हो हो सकता है, तम यहां सिर्फ बैठे अहिंसा समझ लो, मैक्यावली से हिंसा समझ लो। मैक्यावली हो शरीर की भांति, तुम्हारी वासना कहीं और भटकती कहता है कि इसके पहले कि कोई हमला करे, हमला करो: है-कलकत्ते में होओ, दिल्ली में होओ, बंबई में होओ। तो इसके पहले कि कोई तुम पर हमला करे, हमला कर दो। मौका जितना तुम्हारा मन बंबई में चला गया मुझे सुनते वक्त, उतने तुम मत दो पहल का, अन्यथा तुम पिछड़ ही गए संघर्ष में। मार लो, यहां नहीं हो। अगर तुम्हारा पूरा मन ही बंबई में चला गया, तो मार डालो, इसके पहले कि कोई तुम्हें मारे। यही सूत्र | तुम यहां बिलकुल नहीं हो। यहां तुम्हारा होना न होना बराबर है-जीवन में संघर्ष का, अपने को बचाने का। बड़ी मछली है। तुम होते न होते कोई फर्क नहीं पड़ता। सिर्फ एक प्रतिमा छोटी मछली को खा जाती है। तुम शक्तिशाली बनो और दूसरों | बैठी है, जिसमें कोई प्राण नहीं है। क्योंकि प्राण तो वासना में को पीते चले जाओ। उसी में तुम्हारा जीवन है। भटक गए। तुम कहीं जाते थोड़े ही हो बाहर; वासना में मन महावीर कहते हैं, ऐसे जीवन को क्या करोगे? इस जीवन का उलझा कि तुम बाहर गए! वासना बहिर्गमन का मार्ग है। वासना सार भी क्या है, अर्थ भी क्या है? बच भी जाएगा तो क्या बाहर जाना है। क्षणभर को भी अगर तुम बाहर न जाओ तो तुम बचेगा, हाथ क्या लगेगा? हाथ-लाई क्या होगी? जाओगे कहां फिर? जब बाहर जाने के सब सेतु टूट गए, सब महावीर कहते हैं, सब देखा! सारा जीवन झूठा है, भ्रांत है। द्वार-दरवाजे बंद हो गए, सब मार्ग व्यर्थ हो गए, न तुम धन में यह दूसरे को मारने योग्य तो है ही नहीं। अगर दूसरे को बचाने में गए, न तुम पद में गए, न तुम प्रेम में गए, तुम कहीं बाहर गए ही अपने को मिटा भी देना पड़े तो मिटा दो—इसमें कुछ हर्जा नहीं नहीं, तो तुम अचानक अपने को घर में बैठा हुआ है, कुछ जा नहीं रहा है। और महावीर इतने आश्वस्त होकर यह पाओगे-जहां तुम सदा से बैठे हुए हो; जहां से तुम क्षणभर को कहते हैं, क्योंकि वे जानते हैं; जो तुम्हारे भीतर अंतर्तम में छिपा भी हटे नहीं, तिलभर को भी हटे नहीं; जहां से हटने का कोई है उसकी कोई मृत्यु नहीं है। जिसे तुम बचा रहे हो, वह तुम्हारी | उपाय नहीं। उसी को महावीर स्वभाव कहते हैं। उसी को झूठी प्रतिमा है; वह तुम्हारा स्वयं के प्रति झूठा भाव है। जिसे | महावीर धर्म कहते हैं, जिससे हटा न जा सके, जिसे खोकर भी तुम बचा रहे हो, अहंकार, वह तो मरेगा। वह तो समाज का खोया न जा सके, जिसे मिटाकर भी मिटाया न जा सके। जिसे दिया हुआ है; मौत के साथ समाप्त हो जाएगा। तुम जैसे आए तुम लाखों जन्मों में चेष्टा कर-कर के, भटक-भटककर भी नहीं थे, कोरे, कुंआरे, जन्म के साथ, ऐसे ही कुंआरे-कुंआरे तुम मृत्यु अपने से छुड़ा पाए हो, वही तुम्हारा स्वभाव है। जो छूट जाए, के साथ जाओगे। तुम्हारा नाम-धाम, पता-ठिकाना, सब यहीं वह पर-भाव है। छूट जाएगा। और वह जो मृत्यु के पीछे भी चला जाता है तुम्हारे तुम्हारे वस्त्र छीने जा सकते हैं; वह तुम्हारा स्वभाव नहीं। साथ और जन्म के पहले भी तुम्हारे पास था, उसकी कोई मृत्यु तुम्हारा शरीर छिन जाता है; वह तुम्हारा स्वभाव नहीं। तुम्हारा नहीं है। तुम दौड़ छोड़ो बचने की, तो तुम्हें उसका पता चलेगा मन भी छिन जाता है, वह भी तुम्हारा स्वभाव नहीं। देह और मन जो सदा ही बचा हुआ है। तुम अपनी सुरक्षा न करो, तो तुम्हें के पार कुछ है-अनिर्वचनीय, जिसे न कभी छीना जा सका है, 28 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org .
SR No.340102
Book TitleJinsutra Lecture 02 Pyas hi Prarthana Hai
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherOsho Rajnish
Publication Year
Total Pages1
LanguageHindi
ClassificationAudio_File, Article, & Osho_Rajnish_Jinsutra_MP3_and_PDF_Files
File Size32 MB
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