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________________ श्री कापरा स्वर्ण जयन्ती महोत्सव अन्य एसो अणाइ कालो, ___ अणाइ जीवो य प्रणाइ जिणधम्मो। तइयाविते पढ़ता, एसुच्चिय जिण नमुक्कारो॥ काल अनादि छे, जीव अनादि छे अने जिनधर्म पण अनादि छे, तेथी प्रा नमस्कार अनादि काळथी भणातो आव्यो छे अने अनंत काळ सुधी भणाशे अने ए भणनार तथा भणावनारनुं अनंत कल्याण करशे । । भौतिकवाद ना आ युगमां अध्यात्मवादना अमीपान करवामाटे श्री नमस्कार महामंत्र समान कोइ उत्तम साधन नथी, कोई निर्मळ अने सरल मंत्र नथी, प्रा महामंत्र कुविकल्पोथी मननु रक्षण करे छ, खोटा विचारो थी मननु रक्षण करवुए एक महत्वनी वस्तु छ। वर्तमान युगमा धन सत्ता के वैभवन रक्षण करवा माटे देहबल के प्रारोग्यनु रक्षण करवा माटे अनेक साधनो योजायां. छे, अने योजाय छ, पण संकल्प विकल्प थी मननु रक्षण करवा माटे एक पण समर्थ साधन शोधयानुसामल्युनथी, ते माटे नवकार मंत्र एक समर्थ साधन छे, पूर्व महर्षिोए मनना रक्षण माटे अनेक प्रकार ना मंत्र योजेला छे, पावा सर्व मंत्रोमां श्री नमस्कार महामंत्रनु स्थान श्री जैन शासनमा मोखरे छ । ।
SR No.249684
Book TitleAradhak Banvano Marg
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhadrankarvijay
PublisherBhadrankarvijay
Publication Year
Total Pages64
LanguageGujarati
ClassificationArticle & 0_not_categorized
File Size5 MB
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