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• प्राचार्य श्री हस्तीमलजी म. सा.
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बुद्धिजीवियों की श्रृंखला से सब संस्थाएँ और सब वर्ग एक उद्देश्य के साथ देश की मुक्ति के लिये जूझ पड़े और अंग्रेजों को बाध्य होकर देश छोड़कर यहाँ से जाना पड़ा।
यह इतिहास की कड़ी यहाँ बतादी है। देश आजाद हुआ। किससे ? अहिंसा, प्रेम और बंधु भावना की एक शक्ति के द्वारा देश आजाद हुआ, गुलामी से मुक्त हुआ । और देश परतंत्र क्यों हुआ ? आपसी लड़ाई-झगड़ों से । अहिंसा-तत्त्व को जीवन में उतारें :
यदि आप अहिंसा सप्ताह मनाते हैं । गाँधी जयन्ती की अपेक्षा से अहिंसा सप्ताह मनाते हैं, तो उसमें भाषण होंगे, प्रार्थना होगी, चर्खा कताई वगैरह होगी, ऐसे विविध प्रकार के कार्यक्रम देश के हजारों, लाखों लोग करते होंगे। लेकिन मैं कहता हूँ कि सब के साथ मिल भेंट कर अहिंसा तत्त्व को आगे बढ़ाने के लिये आप क्या कर रहे हैं ? महावीर ने धर्म क्षेत्र में अहिंसा को अपनाने को शिक्षा दी । गाँधी ने राज्य क्षेत्र में अहिंसा को अपनाने की प्रयोगात्मक शिक्षा दी। महावीर ने अहिंसा के द्वारा आत्मशुद्धि करने का बारीक से बारीक चिन्तन किया। लेकिन गाँधी ने चिन्तन किया कि घर गृहस्थी के मामलों को भी अहिंसा हल कर सकती है । अहिंसा के द्वारा कोई भी बात चाहे समाज की हो या घर की, हल की जा सकती है। जिसके घर में अहिंसा के बजाय हिंसा होगी, प्रेम के बजाय फूट होगी, वहाँ शक्ति, समृद्धि, मान, सम्मान सब का ह्रास होगा। उनका जीवन काम करने के लिये आगे नहीं बढ़ पायेगा। इसलिये महावीर का अहिंसा सिद्धान्त देश में समस्त मानव जाति को सिखाना होगा, अमली रूप में लाना होगा। सभी लोग इसे अमल में लावें, उससे पहले महावीर के भक्त इसको अपनावें, यह सबसे पहली आवश्यकता है। लेकिन महावीर के भक्तों को अभी अपनी वैयक्तिक चिन्ता लग रही है। सबके हित की बात तो बोल जाते हैं, लेकिन करने के समय अपना घर, अपनी दुकान, अपना धन्धा, अपने बालबच्चों की व्यवस्था आदि के सामने दूसरी बातों की ओर देखने की फुरसत नहीं है। चाहे देश और प्रदेश का अहित हो रहा हो, अहिंसा के बजाय हिंसा बढ़ती हो, तो भी उसके प्रतिकार के लिये सौम्य तरीके से आगे कदम नहीं बढ़ा सकते । आप सोचते हैं कि प्रो काम आपां रो थोड़े ही है, बिगड़े तो राज रो बिगड़े और सुधरे तो राज रो सुधरे। इसलिये ये समस्याएँ ज्यों की त्यों रह जाती हैं । वोलने में रह जाती हैं, करनी में नहीं आती।
__ अखबारों में खबर आती है कि दिल्ली में २८ करोड़ की लागत से नया कत्लखाना खोला जा रहा है। वहाँ पर वैज्ञानिक तरीके से जीवों की हिंसा होगी । अहिंसा के सिद्धान्त को माननेवाले देश हिंसा की ओर बढ़ रहे हैं। देश
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