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अन्य साहित्य
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नवतत्त्व बोल
विनीतसागर
अज्ञात अज्ञात अज्ञात अज्ञात
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जीव रूपी के अरूपी... ज्ञानना रागी समकित दृष्टि... ५६३ भेद जीवना... अब जीवद्रव्य की पहिचान करावे है....
" २७६ बोल
जीवतत्व अजीवतत्व...
अज्ञात अज्ञात अज्ञात अज्ञात अज्ञात
२४ भेद भेद विचार विचार
अज्ञात अज्ञात
परमसौभाग्य अज्ञात
सम्यग्दृष्टिने जे बोल.... नवतत्वमांहि रूपी केटला... | विवेकी सम्यग्दृष्टि जीवोए...
अनुसन्धान-५८
अज्ञात