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नवतत्त्व टबार्थ
or rm 39 No.
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टबार्थ साहित्य मानविजय
१७७३ श्रीवीरजिनं नत्वा... जिनहंस
१७८४ जिनराजसूरि | जिनहंससूरि
१७मी सदी शिवनिधान उ. हर्षसार उपा. खरतर " जेह नमुंजे माहिलो.... जिनरङ्गसूरि | जिनराजसूरि | खरतर | १८मी सदी लालचंद
अरिहंतादिक पंच... रङ्गविजय मेरुविमल
जीवनुं स्वरूप ते... उत्तमविजय नित्यविजय
जयति श्रीमहावीर... हितरुचि
जीवतत्व अजीवतत्त्व... श्रावक दलपतराम पार्श्वचन्द्र साधुरत्नसूरि | सौधर्मगच्छ १६मी सदी | साचउ वस्तुनउ स्वरूप... रूपचंद
वीतरागं नमस्कृत्य.... लालकुशल
श्रीगुरूणां प्रसादेन... पद्महर्ष
श्रीपार्श्वदेवं...
अनुसन्धान-५८