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पचखाण | पण वासा चालवउं होइ, अनइ कोस त्रिण, तथा च्यार-पांच जावउं होइ, अनइ जो तथाविध गाम न आवई तो कलपइ - ए बोल पनरमउ । १५
दिन प्रतई आहार तिवारई करुं (जिवारइं) दसवीकालिकनी सतर गाथा गुणउं । जउ न गुणाइ तर बीजड़ दिवस एक नोकरवाली गुणवी-ए बोल सोलमो । १६ जावजीव विगइ पा सेर उपरांत पचखाण । अथवा वाधतउ होइ तु मोकलूंए बोल सतरमउ । १७
नवीन दिवस तीन घाणवा उपरांत दाधेल होइ तो कलपइ
अढारमो । १८
ए बोल मुझ थकी बीजा कुणहीनई अप्रीति ऊपजइ तो बीजइ दिवस नीवी करिवीए बोल उगणीसमो । १९
अनइ परनउ अवगुण बोलवा पचखाण । इम करता वरांसइ बोलाइ तउ बीजइ दिवस सालणउं निषेध ए बोल वीसमो । २०
दिन प्रति थंडिल पडिलेहवा; इम करतां न पडिलेहाइ तु बीजइ दिवस नीवी करवी ए बोल इकवीसमो । २१
भइरव, सालू, महिमदी, बाहादरी, झूनो, गोडीउं, अटाण, श्रीबाप, तथा रेसमी वस्त्र - ए आदि देईनइ समस्तनउं पचखाण ए बोल बावीसमुं । २२ पोथी एक, पाठां धोलां बि, वीटागणउ एक-ए बोल देवीसमो । २३ सूत्रनी नुकरवाली, अथवा पत्रजीवानी पण एक राखुं
ए बोल
चवीसमउ । २४
अगल्यउं पाणी वावरवा पचखाण । इम करतां वरांसह ववराइ तु नुकरवालो एक ऊभां गुणउं - ए बोल पंचवीसमो । २५
जती बिहुंनइ दिन प्रतई वीसामण करिवी । कारण विना
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छावीसमउ | २६
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विहरवां गयां जे हीड्यो विहरावर ते विहरं । खपसारू ना न कहिवी . ए बोल सत्तावीसमउ । २७
मास माहि उपवास पांच, आंबिल बि, निवी पांच करवी । एतलो तप शरीरनइ कारणइं न थाइ तउ जे तपनी जेतली सझाय थाइ ते तपनी तेतली सझाय ए बोल अठावीसमउ । २८
गुणी पुहचाडवी
विहरवानी वस्त छुटी नखाय तु, अनइ छूटी नांखी लिवाइ तु एक नउकरवाली
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ए बोल
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