________________ 178 આચાર્ય વિજ્યવલ્લભસૂરિ સ્મારક ગ્રંથ << r पत्र-पृष्ठ चित्रांक चित्रपरिचय 29-1 9. राजा श्रीदानं ददंति स्वप्नपाठकानाम् 31-1 10. राज्ञी पुहमिदेवी प्रसूता ज्येष्ठ उज्ज्वला द्वादशी / सुपार्श्वजन्म 38-1 डाबी बाजूए 11. सुरगिरौ इंद्र स्नानं करोति' 34-1 जमणी बाजूए 12. सुरा स्नात्रवेलां नानाशब्देन वाद्यतं कुरुते 42-2 डाबी बाजूए 13. राशी वासभवण 42-2 जमणी बाजूए 14. राजा श्रीसुपइह पुत्रदंसण करणार्थे आगत 43-2 डाबी बाजूए 15. 43-2 जमणी बाजूए 16. 50-2 17. श्रीसुपार्श्व पाणिग्रहण भार्या सोमा सहित 52-2 18. राजा श्रीसुपार्श्व सूर्यमंडलं असितं पश्यति प्रतिबुद्ध 19. सहसांबवणे दीक्षां गृह्णयति जगन्नाथ ज्येष्ठ शुदि 13 62-1 20. जगन्नाथु परमानं पारयति / महिंदु पारावयति / ... महिंदगृहे सुवर्ण रत्न विष्ट / देव महोत्सव 64-2 डाबी बाजूए 21. केवलज्ञानं उत्पन्न सिरीस वृक्षतले फागुव६ 64-2 जमणी बाजूए 22. समोसरणु 68-1 23. समवसरण / अशोक चैत्यवृक्ष धनु क 2400 / सोमा नामा भार्या पुत्रसहिता वंदनायागता 69-1 24. श्रीसुपार्श्वजिन समवसरण / विरुद्ध जीव देसणा श्रुण्वंति 73-1 25. सोमा नाम पत्नी दीक्षा दीयते / पउत्तिणीपदे स्थापिता / अनेक भव्यजना दीक्षां गृह्णन्ति देशनाप्रतिबुद्धा 26. श्रीनंदवद्धणपुराधिपति राजा श्रीविजयवर्षण प्रतिबुद्ध / दीक्षा गृहीता। 76-1 27. श्रीसुपार्श्व देशनां कुरुते / पादपमभ्रमर राजा दान विरति / सम्यक्त्वादि सातीचार द्वादशव्रतादि व्याख्यान 76-2 28. कुमुदचंद उपाध्याय चम्पकमालां पठावयति 131-1 . 29. कालिकादेवी वीसभुजा / भीमकुमरमित्र / कापालिक रूप / भीमकुमरः शिलां क्षिपति। भीमकुमर रूपः / तत्र हस्त / खगं गृह्णाति / कृष्णभुजारूढो आकाशे ब्रजति भीमः / महिषारूदा देवी रुंडमालहारा :-ای Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org