________________ अतः दिए हुए समीकरण का हल निम्न हुआ x=130, y-297 परन्तु 297=137x2+23 और 130=60x2+10 .:. समीकरण का सरल हल निम्न हुआ x=10, y=23 और समीकरण का सामान्य हल निम्न हुआ--- x=10+60m और y=23+137m महावीर का हल-महावीराचार्य ने समीकरण HT=y को हल करने के लिए निम्न नियम दिया है - "अज्ञात राशि के गणक को दिये गये भाजक द्वारा विभाजित करते हैं। फिर प्रथम भागफल को अलग कर देते हैं। इसके बाद विभिन्न परिणाम-शेषों द्वारा विभिन्न परिणामी भाजकों के उत्तरोत्तर भाग से प्राप्त विभिन्न भजनफलों को एक-दूसरे के नीचे रखते हैं / जब शेषफल बहुत छोटी संख्या रह जाती है तो उसको मन से चुनी हुई एक संख्या द्वारा गुणा करते हैं। इस गुणनफल को प्रश्नानुसार दी गई ज्ञात संख्या द्वारा बढ़ाते अथवा ह्रासित करते हैं और तब उपर्युक्त उत्तरोत्तर भाग की विधि में प्राप्त अन्तिम भाजक द्वारा विभाजित करते रखते हैं। इस मत से चुनी हुई संख्या और अभी प्राप्त भजनफल को भी उपर्युक्त भजनफलों के नीचे लिखते हैं / इस प्रकार बेलि जैसी अंकों की श्रृंखला प्राप्त होती है। इस शृंखला की निम्नतम संख्या को, इसके ठीक ऊपर की संख्या में ऊपर के ठीक ऊपर की संख्या का गुणन करने से प्राप्त गुणनफल में जोड़ते हैं / यह रीति तब तक जारी रखते हैं जब तक कि पूरी शृखला समाप्त नहीं हो जाती है / इस योग में पहले ही दिये हुए भाजक का भाग देते हैं / जो शेषफल मिलता है, वही अज्ञात राशि का मान होता है।" उपर्युक्त विधि निम्न उदाहरण से स्पष्ट हो जायेगी "केलों की 63 ढेरियां और 7 केले के फल 23 व्यक्तियों में बराबर-बराबर बाँट दिये गए, जिससे कुछ भी शेष न बचा। बताओ, एक ढेरी में कितने फल थे ?" उपयुक्त प्रश्न का समीकरण इस प्रकार हुआ 63xxlay 23 अब नियमानुसार अज्ञात राशि के गणक 63 को ज्ञात भाजक 23 द्वारा विभाजित करते हैं और जिस प्रकार दो संख्याओं का महत्तम समापवर्तक निकालते हैं, उसी प्रकार की भाग-विधि यहाँ जारी रखते हैं। 23) 63 (2 46 17) 23 (1 6) 17 (2 12 :) 6 (1 1. गणितसारसंग्रह, मध्याय 6, गाया 111 2. वही, अध्याय 6, गाथा 1171 जैन प्राच्य विद्याएँ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org