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________________ १९. २०. २१. २२. २३. २४. २५. १५२८ १५२८ १५२८ १५३० १५३२ १५५४ १५८२ चैत्रवदि १ गुरुवार पौष वदि ३ सोमवार तिथिविहीन पौष ... रविवार ज्ञानदेवसूरि - यतीन्द्रसूरि स्मारक राज्य - इतिहास. Jain Education International वैशाख वदि १० सोमदेवसूरि शुक्रवार तिथिविहीन वैशाख सुदि १० विजयदेवसूरि शुक्रवार 37 लक्ष्मीदेवसूरि के पट्टधर शीतलनाथ की धातु ज्ञानदेवसूर की पंचतीर्थी प्रतिमा का लेख ? राजदेवसूरि (वि.सं. १४००) १ प्रतिमा लेख धर्मनाथ की धातु की प्रतिमा का लेख पासदेवसूरि (वि.सं. १४५७) १ प्रतिमा लेख 1 विमलनाथ की धातु की प्रतिमा का लेख आदिनाथ की धातु की प्रतिमा का लेख अभिलेखीय साक्ष्यों के आधार पर धारणपद्रीय (थारापद्रीय) शाखा के मुनिजनों की तालिका इस प्रकार बनती है- नमिनाथ की धातु की चौबीसी प्रतिमा का लेख ? आदिनाथ देरासर, जामनगर आदिनाथ चैत्य, थराद चन्द्रप्रभ, जिनालय, जानीशेरी, बड़ोदरा, नेमीनाथ जिना, शेठ की शेरी राधनपुर ম{ ४७ चिंतामणि पार्श्वनाथ, देरासर, कड़ी, जैनमंदिर, लुआणा, थराद लक्ष्मीदेवसूरि (वि.स. १५०७ - १५२८) १४ प्रतिमालेख विजयधर्मसूरि, पूर्वोक्त, लेखाङ्क ४१४ 1 ज्ञानदेवसूर (वि.सं. १५२७-१५३०) ५ प्रतिमालेख लोढ़ा, पूर्वोक्त, लेखाङ्क ३७ For Private Personal Use Only मुनि बुद्धिसागर, पूर्वोक्त, भाग-२, लेखाङ्क १५३ मुनि विशालविजय, पूर्वोक्त, लेखाङ्क २६८ अगरचंद नाहटा, पूर्वोक्त, लेखाङ्क १८१८ मुनि बुद्धिसागर, पूर्वोक्त, भाग-१, लेखाङ्क ७४१ विजयदेवसूरि (वि.सं. १५०६ ) १ प्रतिमा लेख लोढ़ा, पूर्वोक्त, लेखाङ्क ३६७ सोमदेवसूरि (वि.सं. १५३२ - १५५४) २ प्रतिमा लेख विजयदेवसूरि (वि.सं. १५८२) १ प्रतिमालेख 1 ३. चतुर्दशीपक्ष - चैत्रगच्छ की इस शाखा का केवल एक लेख मिला है, जो वि.सं. १५०६ का है। मुनि बुद्धिसागर ने इस लेख की वाचना इस प्रकार दी है- “संवत् १५०६ वर्षे माघ सुदि १३ रवौ श्रीश्रीमालज्ञातीय सा. मेलाभा. करमादेसुतश्रीरंगभा. अमरी स्वेश्रेोहेतवे श्री श्रीचन्द्रप्रभनाथमुख्यचतुर्विंशतिपट्टः कारितः चतुर्दशीपक्षे चैत्रगच्छे श्रीगुणदेवसूरिसंताने श्रीजिनदेवसूरिभिः प्रतिष्ठितः शुभं भवतु।।” प्रतिष्ठास्थान-- श्री अमीजरा पार्श्वनाथ जिनालय, जीरारवाडो, खंभात www.jainelibrary.org
SR No.210491
Book TitleChaitra Gaccha ka Sankshipta Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherZ_Vijyanandsuri_Swargarohan_Shatabdi_Granth_012023.pdf
Publication Year1999
Total Pages19
LanguageHindi
ClassificationArticle & Jain Sangh
File Size2 MB
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