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________________ २३ कल्पसूत्र टीका 'पर्युषणा कल्पसूत्र' २४ २५ २६ २७ २८ २६ ३० ३१ ३२ ३१ ३४ ३५ ३६ ३७ ३८ ३६ ४० ५६ ४२ ४३ ૪૪ ४५ ४६ ४७ "7 " ( चतुर्दशस्वप्नानां) जिनसागर सूरिशाखायां कल्पसूत्र टीका 'कल्पद्र मकलिका' लक्ष्मोवल्लभोपाध्याय " ار Jain Education International 37 ." "3 केशरमुनि २०वीं संदेह विषौषधि' जिनप्रभसूरि P / जिनसिंहसूरि १३६४ अयोध्या राजसोमP / जयकीर्ति, १७०६ ( समाचारी) कल्पसूत्र बालावबोध कल्पलता कल्पमंजरी S 21 "" "" .. " " 19 कल्पचन्द्रिका सुमतिहंस P / जिनहर्षसूरि १८वीं आद्यपक्षीय गुणविनयोपाध्याय P / जयसोम १७वीं चन्द्र P / देवधीर १६०८ अजयदुर्ग जिनसमुद्रसूरि P / जिनचन्द्रसूरि १८वीं बेगड़ 33 33 " " " " " ( चतुर्दश स्वप्नानां ) 33 33 "3 कल्पसूत्र स्तवक [ ४ ] " " कल्पसूत्र हिन्दी पद्यानुवाद कल्पसूत्र हिन्दी अनुवाद 12 22 लब्धिमुनि उपाध्याय २०वीं विमलकीत्ति P / . विमल तिलक १७वीं समयसुन्दरोपाध्याय सहजकीर्ति P / . हेमनन्दन रत्नजय P / रत्नराज राजकीति P / रत्नविमल १८वीं मु० बालचित्तौड़ ८६, १७२६ लि० अ० अ० धर्म आगरा १६८५ रिणी मु० विनय ८२८, १६८५ अ० ख० कोटा रायचन्द्र वीरपुत्र आनन्दसागरसूरि जिनकृपाचन्द्रसूि १८वीं १६वीं राम विजय (रूपचन्द्र ) P / दयासिंह १८१६ शिवनिधानोपाध्याय समय राजोपाध्याय P / . जिनचंद्रसूरि १७वीं साधुकीर्ति P / . अमरमाणिक्य १७वीं सुमतिहंस P / जिनहर्षसूरि 5वीं आधपक्षीय विनय ५७३ अ० केशरिया जोधपुर बद्रीदास अ० बद्रीदास कलकत्ता अ० कलकत्ता अ० ड्रॅगर जेसलमेर १६८० अमरसर For Private & Personal Use Only मु० मु० अ० चारित्र राप्राविप्र बीकानेर " अ० महिमा बीकानेर अ० गोपाल मथेरण बीकानेर वीदासर अ० अ० अभय बीकानेर अ० अभय बीकानेर P/ अमरमाणिक्य १७वीं विद्याविलास P / . कमलहर्ष १७२६ कमलकीर्त्ति P / . कल्याणलाभ १७०१ मरोट अ० १८३८ बनारस मु० २०वीं मु० २०वीं मु० प्राजोधपुर २५४७२ 'पुस्तकालय अ० जैनरत्न अ० अभय बीकानेर अ० अभय बीकानेर www.jainelibrary.org
SR No.210438
Book TitleKhartarvaccha Sahitya Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
PublisherZ_Manidhari_Jinchandrasuri_Ashtam_Shatabdi_Smruti_Granth_012019.pdf
Publication Year1971
Total Pages72
LanguageHindi
ClassificationArticle & Catalogue
File Size4 MB
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