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________________ [ ३३ ] न्याय १ तत्त्वचिन्तामणि टिप्पणक सुमतिसागर P / पुण्यप्रधान १७वीं उल्लेख- देवचन्द्रकृत विचारसार टीका २ तर्कभाषा 'प्रकाश' व्याख्या तर्कतरङ्गिणी (गोवर्द्धनीय) गुणरत्न P / विनयसमुद्र १७वीं अ० बड़ौदा इन्स्टीट्यूट क्रि० म्यु० ३ तर्कसंग्रह फक्किका क्षमा कल्याणोपाध्याय P / अमृतधर्म १८५४ मु० कर्मचंद P / दीपचंद्र ૪ पदार्थबोधिनी टीका ". ५ न्यायसार चूर्णि भक्तिलाभ P / रत्नचन्द्र ६ न्यायरत्नावली दयार P / जिनहर्ष सूरि आद्यपक्षीय १६२६ ७ न्यायसिद्धान्तदीप शश० टिप्प० (मंगलवाद ) गुणरल P / विनयसमुद्र १७वीं उ० अभयतिलक P / जिने ० द्वितीय जिनप्रबोधसूरि P / जिने० द्वितीय न्यायालङ्कार टिप्पणक ९ पञ्जिकाप्रबोध १० बौद्धाधिकार विवरण ११ मङ्गलवाद १२ सप्तपदार्थी टीका १३ " " १ अनिका रिका २ अनिकारिका अवचूि ३ उक्तिरत्नाकर ४ उक्तिसमुच्चय ५ उपसर्ग मण्डन Jain Education International "1 समय सुन्दरोपाध्याय ६ ऋजुप्राज्ञव्याकरण ७ एकादिशतपर्यन्तशब्दसाधनिका 77 जिनवर्द्धनसूरि P / जिनराज भावप्रमोद P / भावविनय व्याकरण समयसुन्दरोपाध्याय क्षमामाणिक्य साधुसुन्दर P / साधुकीति जयसाग रोपाध्याय मन्त्रि मण्डन S / . बाहड सहजकीर्ति P / . हेमनन्दन " 33 १८२२ नागपुर उ० जैन सं० सा०इ० १६वीं अ० जैन भवन कलकत्ता १४वीं १४वीं ॐ "" १६५३ इलादुर्ग अ० जेसलमेर भण्डार १५वीं ० अ० जेसलमेर भं० क्षमा बीकानेर १५वीं ० मंडपदुर्ग मु० १७वीं १७वीं ० अ० यतिरामलाल भीनासर यति विष्णुदयाल फतहपुर जिनप्रबोधसूरि P / जिनेश्वरसूरि द्वितीय १३२८ अ० जिनप्रभसूरि P / जिनसिंहसूरि 5 कातन्त्रदुर्ग पदप्रबोधटीका ६ कातन्त्र विभ्रमवृत्ति १० कातन्त्रविभ्रमावचूरि ११ गुण किवषोडशिका १३५५ दिल्ली अ० विनय कोटा ८०२ चारित्रसिंह P / मतिभद्र १६३५ धवलकपुर अ० विनय कोटा राप्राविप्र जोध० बाल ४०८ कीर्ति P / गुणविनय १७वीं० अ० ख० जयपुर, प्रेसकॉपी विनयकोटा श्रीवल्लभोपाध्याय P / ज्ञानविमल १७वीं० क० अभय बीकानेर १२ चतुर्दशस्वरवादस्थल १३ धातुरत्नाकर 'क्रियाकल्पलता' स्वोपज्ञटीका साधुसुंदर P / साधुकीर्ति १६८० अ० बड़ा भं० चा० बी० कान्ति छाणी १४ पञ्चग्रन्थीव्याकरण (शब्दलक्ष्मलक्षण) बुद्धिसागरसूरि १०८० जालोर अ० जेसलमेर भंडार अ० भ० पूना तेरापंथी सरदारशहर अ० स्टेट लाइब्रेरी बीकानेर अ० जेसलमेर भण्डार उल्लेख ख० यु० गुर्वावली पृ० ५७ " १४७४ मु० अभय बी० हरिलाहावट वि० कोटा १७३० बेनातट अ० १७वीं अ० अभय बीकानेर १९वीं० जालंधर अ० चारित्रराप्राविप्र बीकानेर For Private & Personal Use Only मु० चारित्र राप्राविप्र बी० विनय ७९८ अ० अभय बीकानेर www.jainelibrary.org
SR No.210438
Book TitleKhartarvaccha Sahitya Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
PublisherZ_Manidhari_Jinchandrasuri_Ashtam_Shatabdi_Smruti_Granth_012019.pdf
Publication Year1971
Total Pages72
LanguageHindi
ClassificationArticle & Catalogue
File Size4 MB
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