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________________ । १० ] ७६ मवतत्वप्रकरणशब्दार्थवृत्ति समयसुन्दरोपाध्याय १६५८ अमदाबाद अ० ., बालावबोध __ जिनोदयसूरि (जिनसागरसूरि शा०) १८वीं ___ अ० आचार्य शाखा बीकानेर रत्नलाभ PI. विवेकरत्नसूरि पिप्पलक १६वीं अ० चारित्र राप्राविप्र बीकानेर विमलकीति P/. विमलतिलक १७वीं अ० ,, विनय ६०६ हर्षवर्द्धन १७८५ अ० अभय बीकानेर स्तबक जिनराजसूरि P/. जिनसिंहसूरि १७वीं अ० विनय कोटा हरि लोहावट रामविजयोपाध्यायP/. दया सिंह १८३६ अजीमगंज अ० हीराचन्द्रसूरि बनारस ,, भाषाबन्ध लक्ष्मोवल्लभोपा० P). लक्ष्मीकीर्ति १७४७ हिसार अ० स्वरूपयन्त्र सुमतिवद्धन P/ विनीतसुन्दर १६वीं अ०ख० जय० बद्रीदासकल• खजांची बीका० ८८ नवपदप्रकरण भाष्य अभयदेवसूरि P/. जिनेश्वरसूरि १२वीं अ० जेसलमेर भण्डार ८६ नवपदप्रकरण अभिनववृत्ति देवेन्द्रसूरि P/. संघतिलकसूरि रुद्रप० १४५२ उल्लेख जिनरत्नकोष १० निगोदषट्त्रिंशिका अभयदेवसूरि P. जिनेश्वरसूरि १२वीं अ० ६१ नियुक्ति स्थापन मतिको ति P/. गुणविनयोपाध्याय १६७६ अ० बड़ा भं० बीकानेर डूंगर जेसलमेर ६२ पांचचारित्रके ३६ द्वार भाषा रामचन्द्र P). शिवचन्द्रोपाध्याय २०वीं अ० वृद्धि जेसलमेर ९३ पंचलिङ्गी प्रकरण जिनेश्वरसूरि P/. वर्धमानसूरि ११वीं ६४ ,, टीका जिनपतिसूरि P/. मणि जिनचन्द्रसूरि १३वीं मु० ६५ , लघुटीका सर्वराजगणि अ० तपा भं० जेसलमेर १६ ,, टिप्पणक जिनपालोपा० P/- जिनपतिसूरि १२६४ १७ पंच समवाय विचार ज्ञानसारP/. रत्नराज १९वीं अ० अभय बीकानेर १८ पंचाशक टीका अभयदेवसूरि PI जिनेश्वरसूरि १२वीं मु० ६६ पन्नावणा २ गाथा के २. द्वार यंत्र ज्ञानसार १६वीं अ० डूंगर जेसलमेर १०० परमात्माप्रकाश हिन्दीटीका धर्मवर्द्धन P/. विजयहर्ष १७६२ अ० दिगंबरभं० अजमेर १०१ परसमयसारविचारसंग्रह क्षमाकल्याणोपाध्याय P! अमृतधर्म १९वीं अ० १०२ पिण्डविशुद्धिप्रकरण जिनवल्लभसूरि P1. अभय देवसूरि १२वीं० मु० १०३ पुद्गलषट्त्रिंशिका अभयदेवसूरि PI. जिनेश्वरसूरि १२वीं० अ० १०४ परमसुखद्वात्रिंशिका तत्त्वावबोध) जिनप्रभसूरि P. जिनसिहसूरि १४वीं० अ० अभय बीकानेर १०५ प्रतिक्रमणहेतवः क्षमाकल्याणोपाध्याय P/ अमृतधर्म १६ वी० बीकानेर अखजय० अभय क्षमा बीका० १०६ प्रतिलेखनाकुलक जिनवर्द्धनसूरि PI जिन राजसूरि १५ वीं० १०७ प्रत्याख्यानप्रमुख विचार समयसुन्दरोपाध्याय १७ वीं उल्लेख जिनरत्नकोश १०८ प्रत्याख्यानस्थानविवरण जिनप्रभसूरि P. जिनसिंहसूरि १४ वीं. अ० संघभंडार पाटण १०६ प्रवचनविचारसार नयकुञ्जर P/. जिनराजसूरि १६ वीं ११० प्रवचनसारोद्धार बालावबोध पद्ममन्दिर PI. विजयराज अ० चारित्रराप्राविप्रबीकानेर अ० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.210438
Book TitleKhartarvaccha Sahitya Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
PublisherZ_Manidhari_Jinchandrasuri_Ashtam_Shatabdi_Smruti_Granth_012019.pdf
Publication Year1971
Total Pages72
LanguageHindi
ClassificationArticle & Catalogue
File Size4 MB
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