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________________ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org २०८. २०९. २१०. २११. २१३. १५८७ २१४. १५८७ १५९१ २१२. १५९९ १५९९ १६१० १६१२ माघ वदि ... गुरुवार माघ वदि ८ गुरुवार वैशाख वदि ६ शुक्रवार ज्येष्ठ सुदि १० ज्येष्ठ सुदि ११ रविवार चैत्रसुदि १५ बुधवार उदय रत्न सूरि विमलनाथ की प्रतिमा का लेख उदयरत्नसूरि संभवनाथ की प्रतिमा का लेख संयम रत्नसूरि वासुपूज्यस्वामी की प्रतिमा का लेख संयमरत्नसूरि विनयमेरुसूरि उदयरत्नसूरि के पट्टधर सौभाग्यरत्नसूरि के परि वार के हर्षरत्न उपाध्याय, पं० गुणमंदिर, माणिकरत्न, विद्यारत्न, सुमतिराज आदि वैशाख सुदि ६ संयमरत्नसूरि बुधवार जैन मंदिर, ईडर पार्श्वनाथ देरासर, लाडोल शांतिनाथ जिनालय, ऊडीपोल, खंभात आदिनाथ की चौबीसी जैन देरासर, सौदागर प्रतिमा का लेख पोल, अहमदाबाद आदिनाथ की प्रतिमा का लेख संभवनाथ की धातु की पंचतीर्थी प्रतिमा का लेख विमलनाथ जिनालय, ( कोचरों में ), बीकानेर विमलवसही, आवू शांतिनाथ देरासर, राधनपुर वही, भाग १, लेखांक १४७७ वही, भाग १, लेखांक ४६८ बुद्धिसागर, पूर्वोक्त, भाग - २, लेखांक ६७३ वही भाग ६, लेखांक ८६० नाहटा, अगरचन्दपूर्वोक्त, लेखांक १५७७ मुनि जयन्तविजय, आबू, भाग-२, लेखांक १९४ मुनिविशाल विजय, पूर्वोक्त ३५१ आगमि गच्छ / प्राचीन त्रिस्तुतिक गच्छ का संक्षिप्त इतिहास २८३
SR No.210167
Book TitleAgamik Gaccha Prachin Trustutik Gaccha ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherZ_Aspect_of_Jainology_Part_3_Pundit_Dalsukh_Malvaniya_012017.pdf
Publication Year1991
Total Pages44
LanguageHindi
ClassificationArticle & Jain Sangh
File Size2 MB
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