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________________ Jain Education International ९३. १५१६ आषाढ़ सुदि ९ शुक्रवार देवरत्नसूरि ९४.. १५१६ कार्तिक सुदि १५ सिंहदत्तसूरि शनिवार ९५. १५१७ वैशाख सुदि ३ सोमवार हेमरत्नसूरि ९६. १५१७ आणंदप्रभसूरि For Private & Personal Use Only वैशाख सुदि १२ सोमवार माघ सुदि ५ शुक्रवार नमिनाथ की चांदी सुपार्श्वनाथ जिनालय, वही, लेखाङ्क १७६१ की सपरिकर प्रतिमा नाहटों की गवाड़, का लेख बीकानेर वासुपूज्य स्वामी की सुव्रतनाथ जिनालय, बुद्धिसागर, पूर्वोक्त प्रतिमा का लेख खारवाडो, खंभात । भाग-२, लेखाङ्क १०३२ शीतलनाथ की शांतिनाथ जिनालय, नाहर, पूर्वोक्त, भाग-२, पंचतीर्थी प्रतिमा लखनऊ लेखाङ्क १५०५ का लेख आदिनाथ की प्रतिमा पार्श्वनाथ देरासर, बुद्धिसागर, पूर्वोक्त, का लेख अहमदाबाद भाग १, लेखांक १०८९ कुंथुनाथ की प्रतिमा सुविधिनाथ जिनालय, नाहर, पूरनचंद, का लेख घोघा, काठियावाड़ पूर्वोक्त, भाग-२, लेखांक १७६९ धर्मनाथ की प्रतिमा संभवनाथ जिनालय, वही, भाग १, का लेख अजमेर लेखांक ५५७ एवं विनयसागर, पूर्वोक्त लेखांक ५७२ विमलनाथ की प्रतिमा शांतिनाथ जिनालय, नाहटा, अगरचन्द, का लेख चुरु, राजस्थान पूर्वोक्त, लेखांक २४०८. आदिनाथ की प्रतिमा शांतिनाथ जिनालय, बुद्धिसागर, पूर्वोक्त, का लेख शांतिनाथ पोल, भाग १, लेखांक १२८४. अहमदाबाद 9. १५१७ आणंदप्रभसूरि डॉ. शिव प्रसाद ९८. १५१७ माघ सुदि ५ शुक्रवार देवरत्नसूरि ९९. १५१७ देवरत्नसूरि माघ सुदि ५ शुक्रवार माघ सुदि ५ शुक्रवार १००. १५१७ महेन्द्रसूरि www.jainelibrary.org
SR No.210167
Book TitleAgamik Gaccha Prachin Trustutik Gaccha ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherZ_Aspect_of_Jainology_Part_3_Pundit_Dalsukh_Malvaniya_012017.pdf
Publication Year1991
Total Pages44
LanguageHindi
ClassificationArticle & Jain Sangh
File Size2 MB
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