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________________ Jain Education International १४७६ चैत्र वदि ९ रविवार १५. १४७८ वैशाख सुदि ३ गुरुवार १६. १४८२ फाल्गुन सुदि ३ रविवार १७. १४८३ माघ वदि ११ गुरुवार For Private & Personal Use Only जयाणंदसूरि शांतिनाथ की सुमतिनाथ मुख्य- बुद्धिसागर, पूर्वोक्त, पंचतीर्थी प्रतिमा बावन जिनालय, भाग २, लेखाङ्क ४७० का लेख मातर अमरसिंहसूरि शांतिनाथ की जैन देरासर, विजयधर्मसूरि, धातु प्रतिमा पाटडी . पूर्वोक्त, लेखाङ्क १२० का लेख जयाणंदसूरि सुमतिनाथ की शांतिनाथ जिनालय, बुद्धिसागर, पूर्वोक्त पंचतीर्थी प्रतिमा कडाकोटडी भाग २, लेखाङ्क ६१३ का लेख जयाणंदसूरि पार्श्वनाथ की पार्श्वनाथ देरासर, बुद्धिसागर, पूर्वोक्त । पंचतीर्थी प्रतिमा पाटण भाग १, लेखाङ्क २१७ का लेख हेमराजसूरि सुमतिनाथ की सीमंधरस्वामी वही, भाग १, पंचतीर्थी प्रतिमा का जिनालय, लेखाङ्क १२३१ का लेख अहमदाबाद अमरसिंहसूरि श्रेयांसनाथ की पार्श्वनाथ देरासर, वही, भाग १, के पट्टधर प्रतिमा का लेख अहमदाबाद लेखाङ्क ९०० श्री "रत्नसूरि अमरसिंहसूरि चन्द्रप्रभ स्वामी जैन मंदिर, विजयधर्मसूरि के पट्टधर की धातु की पूर्वोक्त, लेखाङ्क १३५ हेमरत्नसूरि चौबीसी प्रतिमा का लेख डॉ.शिव प्रसाद १८. १४८४ वैशाख सुदि ३ शुक्रवार १९. १४८४ मार्गशीर्ष सुदि ५ रविवार २०. १४८५ ज्येष्ठ वदि.. वणा www.jainelibrary.org
SR No.210167
Book TitleAgamik Gaccha Prachin Trustutik Gaccha ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherZ_Aspect_of_Jainology_Part_3_Pundit_Dalsukh_Malvaniya_012017.pdf
Publication Year1991
Total Pages44
LanguageHindi
ClassificationArticle & Jain Sangh
File Size2 MB
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