________________
भक्तामर यंत्र -४२
Bhaktamara Yantra - 42
आपादकण्ठमुरुशृङ्खलवेष्टिताङ्गा "न ही अहँ णमो सिध्धिदयाणं।
- सद्यः स्वयं विगतबन्धभया भवन्ति ॥४२॥ क्षाँ क्षीर् क्षौ क्षः स्वाहा।”
ऐं ऐं ऐं ऐं ऐं ऐं
AL
ऐ ऐ ऐ ऐ ऐ ऐं
" नमो हाँ ही हूँ ह्रौ हूँ: गाढं बृहन्निगडकोटिनिघृष्ठजंड्याः ।।
श्री / श्रीं մ մ մ մ մ մ
2:2 Asheshish
ऋद्धि-ॐ हीं अह" णमो सिद्धिदयाणं । मंत्र ॐ नमो हॉ ही हूँ ही हः ठः ठः जः जः ओं क्षीं ही मः स्वाहा ।
प्रभाव जेल से जल्दी मुक्ति मिलती हैं। Getting instant release from the prison.
आपाद - कण्ठमुरूश्रृंखल - वेष्टितांगा, गाढं बृहन्निगउकोटिनिघृष्टजंघाः । त्वन्नाममंत्रमनिशं मनुजाः स्मरन्तः, सद्यः स्वयं विगत-बन्धभया भवन्ति ॥ ४६ ॥
46