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भक्तामर यंत्र ३८
त्वत्कीर्तनात् तम इवाशु भिदामुपैति ॥३८॥ गहण सकल सहदे ॐ नमः स्वाहा
वल्गत्तुरङ्गगजगर्जित भीमनाद
"ॐ ह्रीँ" अहँ णमो सप्पिसविणं। "
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Bhaktamara Yantra-38
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नमो नमिऊण विषहर विष प्रणाशनरो
माजी बलं बलवतामपि भूपतीनाम् ।
ऋद्धि- ॐ ह्रीँ अहं णमो सप्पिसविणं ।
मंत्र ॐ नमो नमिऊण विपहर विप प्रणाशन रोग शोकदीप ग्रह कप्पदुमव्य जायई सुहनाम गहण सकलसुहदे ॐ नमः स्वाहा ।
प्रभाव-युद्ध भय मिट जाता है। Removing fear of war.
वल्गत्तुरंग गजगर्जित - भीमनादमाजौ बलं बलवतामपि भूपतिनाम् ! उद्यद्दिवाकर मयूख - शिखापविद्धं, त्वत्-कीर्तनात् तम इवाशु भिदामुपैति ॥ ४२ ॥
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