________________
परिशिष्ट -२
Appendices - 2
मन्दार-सुन्दर-नमेरु-सुपारिजात"न ही अहँ णमो सब्बोसहिपत्ताणं ।' क्ली
क्ली क्ली
क्ली
दिव्या दिवः पतति ते क्यसां ततिर्वा |
नमो नमः: स्वाहा। क्ली
क्लीं "ही श्रीं क्ली ब्लू सन्तानकादिकुसमोत्करवृष्टिरुद्धा ।
क्लीं
bhesilbhth -Telejala MPINKal
ज
ऋद्धि ॐ हीं अहं णमो सम्बोसहिपत्ताणं । मंत्र ॐ हीं श्रीं क्ली ने ध्यानसिद्धि परमयोगीश्वराय नमो नमः स्वाहा ।
प्रभाव सब तरह के ज्वर दूर होते है। Removing all sorts of fever,
मन्दार - सुन्दरनमेरू - सुपारिजात सन्तानकादिकुसुमोत्कर-वृष्टिरुद्धा । गन्धोदबिन्दु - शुभमन्द - मरुत्प्रपाता, दिव्या दिवः पतति ते वचसां ततिर्वा ॥ ३३