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________________ भारत की खोज क्योंकि वह सत्य होने का भ्रम देते हैं और सत्य होते भी नहीं हैं। और एसी ही यह आधी कहानी ही बताई गई है। छोटे-छोटे बच्चों को हम स्कूल में पढ़ाते हैं। सभी को वह कहानी पता होगी। वह क हानी यह है कि: एक सौदागर टोपियां बेचता है। वह टोपियां बेचने एक बाजार की तरफ गया है। रा स्ते में थक गया है और एक वृक्ष के नीचे सो गया है। वृक्ष पर बंदरों का निवास है। उस सोए हुए सौदागर को देखकर वह नीचे उतरे हैं। उन्होंने उसकी टोकरी खोल ली है। वह सौदागर टोपियां बनाकर बेचता है। उन बंदरों ने वह टोपियां पहन ली हैं और वृक्ष पर चढ़ गए। सौदागर की नींद खुली। सारी टोपियां वृक्ष पर बंदरों के पा स चलीं गई थीं। बड़ा मुश्किल था उन टोपियों को बंदरों से वापस लेना । लेकिन मुश्ि कल नहीं भी था। नकलचियों से कुछ भी करवा लेना बहुत मुश्किल नहीं होता । सौदागर ने अपने सिर पर पहनी टोपी निकाल कर रास्ते पर फैंक दी। बंदरों ने भी अपनी टोपियां निकाल कर रास्ते पर फैंक दीं । सौदागर ने टोपियां इकट्ठी कर लीं औ र घर लौट आया। इतनी कहानी आपने सुनी होगी। यह आधी कहानी है। फिर सौदा गर का बेटा बड़ा हुआ और उस बेटे ने भी टोपियां बेचनी शुरू की। क्योंकि बहुत क म बेटे ऐसे होते हैं जो बाप से आगे बढ़ते हों। हलांकि दुनिया उन थोड़े बेटों से आगे बढ़ती है जो बाप से आगे बढ़ते हैं। लेकिन कोई बाप नहीं चाहता कि बेटे बाप की सीमा को पार करके आगे जाएं। और ऐसे सब बाप खतरनाक सिद्ध होते हैं क्योंकि समाज के लिए सब बाप जंजीरें साबित होते हैं। बाप ने बेटे को भी टोपियां बेचना सिखाया। बाप वही सीखा सकता है जो खुद सीखा हो। बेटा टोपियां बेचने गया और उसी झाड़ के नीचे रूका जहां उसका बाप रूका था । ना लायक बेटे वहीं ठहर जाते हैं जहां बाप ठहरते हैं और उसने वहीं वह अपनी टोकरी रखी जहां बाप ने रखी थी क्योंकि और दूसरी जगह कैसे रख सकता था । उन बंदर ों की बीती भी बदल गई थी। नए बेटे वृक्ष पर बैठे थे। सौदागर सो गया। वह बंदर नीचे उतरे, उन्होंने टोपियां लगाईं और वृक्ष पर चले गए। सौदागर की नींद खुली। उसे खयाल आया कि बाप ने कहा था, 'एक बार बंदर उसकी टोपियां ले गए थे, त उसने अपनी टोपी फैंक दी थी।' वह हंसा, उसने कहा, 'पागलो, तुम्हें पता नहीं, तुमने समस्या खड़ी की है लेकिन मेरे पास समाधान है। मेरे बाप ने मुझे समाधान दि या है। उसने अपनी टोपी सड़क पर फैंक दी ।' लेकिन बड़ा चमत्कार हुआ एक बंदर नीचे उतरा और उस टोपी को भी उठाकर ऊपर चला गया। क्योंकि बंदर अब तक सीख गए थे। जो धोखा एक बार खा गए थे वह दोबारा खाने को राजी नहीं थे। लेकिन वह आदमी का बेटा वही समाधान पकड़े था जो बाप ने पकड़ा था। समस्या बदल गई क्योंकि बंदर बदल गए थे। समय बदल गया था लेकिन समाधान पुराना था। यह आधी कहानी आपको पता नहीं होगी और यह आधी कहा नी ज्यादा जरूरी है पहली आधी कहानी से। क्यों ? इससे अपनी बात शुरू करना चा हता हूं। इसलिए कि भारत की समस्याओं और भारत की प्रतिभा के संबंध में सोचते Page 48 of 150 http://www.oshoworld.com
SR No.100003
Book TitleBharat ki Khoj
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherOsho Rajnish
Publication Year
Total Pages150
LanguageHindi
ClassificationInterfaith & Interfaith
File Size1 MB
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