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________________ भारत की खोज प्रकट ना हो जाए। असली आदमी हमारा पशु है । हां, उस पशु को जानकर रूपांतरि त किया जा सकता है। और हम ऐसी सीमाएं छू सकते हैं जिनकी कल्पना भी नहीं । हम ऐसे दृश्य देख सकते हैं जो कभी नहीं देखे गए हम वहां पहुंच सकते हैं जहां कभी कोई नहीं पहुंचा। हम वह जान सकते हैं जो कभी नहीं जाना गया। हम उसे प ा सकते हैं जिसे पा लेने पर सब पा लिया जाता है। लेकिन उस यात्रा को करना तो हमें पड़ेगा, और हम अगर अपने ही तरफ अज्ञानी हैं तो यह नहीं हो सकता। उस लिए मैंने वह बात कही । एक दूसरे मित्र ने पूछा है कि, 'आप कहते हैं कि धर्मों ने दुनिया को लड़ाया। और आदमी को वैज्ञानिक होना चाहिए, लेकिन अब तो साईंस दुनिया को लड़ा रही है। ए टमबम, हाईड्रोजनवम बना रही है । ' उन मित्र को मैं कहना चाहूंगा, 'साईंस दुनिया को नहीं लड़ा रही है। एटम तो जरूर साईंस बना रही है लेकिन साईंस यह नहीं कह रही कि एटम को जाकर हिरोशिमा पर पटको। यह बेवकूफ राजनीतिज्ञ कर रहे हैं। विज्ञान तो सिर्फ शक्ति खोज रहा है। और नासमझ राजनीतिज्ञों के हाथ में शक्ति दे रहे हैं आप। राजनीतिज्ञ लड़ा रहा है, धर्मों ने लड़ाया, राजनीति लड़ा रही है। विज्ञान तो एक कर रहा है। इस वक्त दुनिया में विज्ञानिकों की कोम्यूनिटी ही अकेली एक मात्र अंतराष्ट्रीय संप्रदाय है। ए क मात्र । जापान में एक वैज्ञानिक कुछ खोजता है वह भारत के वैज्ञानिक की संपत्ति हो जाती है। अमरीका में एक वैज्ञानिक कुछ खोजता है वह फ्रांस के वैज्ञानिक की संपत्ति हो जाती है। सिर्फ रूस और चीन के मामले में झंझट हो गई है। क्योंकि उन्होंने लोहे की दीवारें खड़ी कर रखी हैं। उनका वैज्ञानिक क्या खोजता है वह बड़ी मुश्किल से पता चलने देते हैं। यह जो विज्ञान है । वह तो जोड़ रहा है सबको लेकिन राजनैतिज्ञ राजनैतिज्ञ नहीं जोड़ना चाहता क्यों ? क्योंकि राजनैतिज्ञ की सारी ताकत लोगों के लड़ने पर निर्भर है। अगर आप लड़ते हैं तो राजनीतिज्ञ मालिक रहेगा। अगर आप नहीं लड़ते हैं तो राजनीतिज्ञ बेकार हो जाएगा। इसलिए राजनीतिज्ञ सीमाएं बनाता है हिंदुस्तान की, पाकिस्तान की, चीन की, वर्मा की, रूस की, अमरीका की, यह सी माएं कहीं भी पृथ्वी पर नहीं हैं । और यह सीमाएं कोई वैज्ञानिक नहीं खींचता । यह सीमाएं पहले धर्मों ने खींची अब राजनीतिज्ञ खींच रहा है। और यह सीमाएं वह क्यों खींच रहा है ? क्योंकि जब वह आपको सीमाओं में बांध दे ता है, और जब वह दो सीमाओं में बंटे हुए लोगों को लड़ने के लिए राजी कर लेत ा है। तब वह मालिक हो जाता है। जब आप लड़ते हैं तब आपको नेता चुनना पड़त ा है। एडोल्फ हिटलर ने अपनी आत्म कथा में लिखा है, 'नेता बनने के लिए खतरा पैदा करना जरूरी है।' अगर हिंदुस्तान में नेता बनना हो खतरा. खबर पैदा करो कि चीन का खतरा है। जिन्ना को नेता बनना है खबर करो कि इस्लाम पर खतरा है। हिंदूओं को इकट्ठा करना है तो घोलवेकर से सिक्रेट पूछो कि क्या है सिक्रेट।' वह सिक्रेट यह है कि हिंदू धर्म नष्ट हो रहा है। हिंदू धर्म खतरे में है। इकट्ठे हो जाओ, Page 117 of 150. http://www.oshoworld.com
SR No.100003
Book TitleBharat ki Khoj
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherOsho Rajnish
Publication Year
Total Pages150
LanguageHindi
ClassificationInterfaith & Interfaith
File Size1 MB
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