SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 117
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ भारत का भविष्य लेकिन हो सकता है कि फल भयंकर हो उसके। और यह फल तब तक भयंकर होंगे ही सिद्ध जब तक हम व्यक्ति को बदल नहीं देते। तब तक हम कुछ भी बदलेंगे यह बिना बदला हआ व्यक्ति जो है उसका दुरुपयोग करने वाला है। आइंस्टीन को कभी खयाल नहीं था कि हम जो इतना महान श्रम करके और एटामिक एनर्जी की खोज कर रहे हैं आदमी इसका क्या करेगा। आइंस्टीन ने मरते वक्त कहा कि अगर इसका हमें बोध होता कि आदमी क्या करेगा, तो बेहतर हुआ होता कि मैंने एक किराने की दुकान पर नौकरी करके जिंदगी गंवा दी होती, बजाय इस सारे...। इस खोज का अंतिम परिणाम अगर हिरोशिमा और नागासाकी होना है और आखिर में यह सारी दुनिया जल कर मरने वाली है। तो मैंने जो श्रम किया था, तब पूरी जिंदगी बर्बाद थी, और इतनी लगन से, उसका यह फल होगा! यह अगर जरा भी खयाल होता, तो एक किराने की दुकान पर या अखबार बेच कर सड़क पर जिंदगी गुजार देना बेहतर और आध्यात्मिक है। यह सब वैज्ञानिक पागलपन सिद्ध हुआ। लेकिन यह अणु की शक्ति कारगर हो सकती है। लेकिन कारगर तभी हो सकती है जब व्यक्ति पहले बदल गया और पीछे यह अणु की शक्ति आए हाथ में। नहीं तो यह कारगर नहीं हो सकती, यह तो उपद्रव लाएगी। अब तक हमने जो भी आदमी को दिया है उससे नुकसान हुआ। क्योंकि आदमी वही का वही है। और समूह को बदलने वाला सोचता ही है, व्यक्ति को छोड़ कर, वह सोचता है जब सब बदल जाएगा, समूह बदलेगा, संस्था बदलेगी, शक्ति बदलेगी, तो व्यक्ति तो बदलने वाला, लेकिन व्यक्ति बहुत रेसिस्टेंट है। इतना आसान नहीं व्यक्ति का बदलना। सब बदल जाए और व्यक्ति अपनी जिद जारी रखेगा। बल्कि वह पहली दफा प्रकट होगा पूरी शक्ल में जिसका आपको कभी भी पता नहीं था। लोग कहते हैं कि आदमी बड़े पद पर पहुंचता है तो बिगड़ जाता है, पद बिगाड़ देते हैं। कोई पद नहीं बिगाड़ सकता किसी को। सिर्फ पद मौका देता है आपको पूरे खिलने का। लोग कहते हैं धन बिगाड़ देता है। धन कैसे बिगाड़ सकता है? धन की क्या सामर्थ्य है? लेकिन धन आपको मौका देता है कि जो आप थे अब प्रकट हो जाएं। गरीबी में प्रकट नहीं हो सकते थे। पुलिस पकड़ कर ले जाती अगर उपद्रव मचाते तो। अगर दूसरे की पत्नी को छेड़-छाड़ करने जाते तो जूते पड़ते। अब धन आपके पास है। अब जूते मारने की ताकत आपके पास है। अब आप कुछ कर सकते हैं जो सदा आपने रोका था। दवाइयों ने, चिकित्सा-शास्त्र ने आदमी की उम्र बढ़ा दी। अब सवाल यह है कि उस उम्र को बढ़ा कर, नये मसले खड़े होते हैं। अब सत्तर साल का आदमी, अस्सी साल का आदमी है अब, और अभी भी वह सेक्सुअली पोटेंट है। जब आप उम्र सौ साल खींच देंगे, तो सत्तर-पचहत्तर साल का आदमी भी बच्चे पैदा कर सकता है। अब प्रॉब्लमस खड़े होंगे जो कि पिछले पचहत्तर साल के बूढ़े ने कभी खड़े नहीं किए थे। वह कभी खड़ा नहीं किया था। अब यह खड़ा करेगा। अब यह कामवासना के बाजार में अपने नाती-पोतों का भी काम्पिटीटर होगा। उसी बाजार में खड़ा है। अब बर्टेड रसल जैसा बुद्धिमान आदमी अगर बीस-बाईस साल की लड़की से शादी करे, तो काम्पिटीशन किससे Page 117 of 197 http://www.oshoworld.com
SR No.100002
Book TitleBharat ka Bhavishya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherOsho Rajnish
Publication Year
Total Pages197
LanguageHindi
ClassificationInterfaith & Interfaith
File Size2 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy