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________________ • धर्म का रहस्य [३१४] है। इसके अलावा जिनका परिवार बृहत्] होता है वहां भाई-भाई में, पिता-पुत्र में या देवरानी-जेठानी में कलह का सूतपात्र हो जाने से पारिवारिक सुख नष्ट हो जाता है | कुछ लोग अतुल धन पा लेने को सुख पाना मानते हैं। पर वे भी भ्रम में रहते हैं। प्रथम तो धन का उपार्जन करने में ही नाना प्रकार के कष्टों का सामना करना पड़ता है। दूसरे कदाचित उपार्जन कर भी लिया तो उसकी रक्षा में खाना पीना और सोना हराम हो जाता है। तीसरे धन का घर में अंबार लगा हो, तो भी मनुष्य रोग और मृत्यु से नहीं बच पाता। वह अपना समस्त धन देकर भी अपनी बीमारी किसी और से नहीं बदल सकता। फिर धन से कौनसा सुख हासिल हुआ? सुन्दर व्यक्ति अपने स्वास्थ्य और सौन्दर्य को देखकर भी फूले नहीं समाते किन्तु कहीं चेचक निकल आई तो ? या फिर उनका सौन्दर्य कौन सा सुख प्रदान करता है? अधिक कहाँ तक कहा जाय? सांसारिक सुख के अन्य समस्त साधनों का यही हाल है। उनके संयोग से मानक जितना भी सुख हासिल करने का प्रयत्न करता है, उतना ही दुःखों का संचय होता जाता है। किसी ने ठीक ही कहा है : भोगे रोगभयं कुले च्युतभयं वित्ते नृपालाद् भयम् । माने दैन्यभयं बले रिमयं रूपे जराया भयम् ।। शास्त्रे वादभयं गुणे करभयं काये कृतान्ताद् भयम् । सर्व वस्तु भयान्वितं भूवि नृणां वैराग्यमेवाभयम् ।। भोगों में रोग का भय में राजा का, अहंकार में दीनता का, बन्त्र में में वादविवाद का गुणों में दुर्जनों का तथा है। इस प्रकार संसार में सभी वस्तुओं के है। केवल वैराग्य ही निर्भयता प्रदान करने वाला है। अर्थात् होता है, कुल में अपमान का धन दुश्मन का रूप में वृद्धत्व का, शास्त्र शरीर में सदा मृत्यु का भय होता साथ कोई न कोई भय लगा रहता बंधुओ, आप इस श्लोक से स्पष्ट समझ गए होंगे कि संसार के किसी पदार्थ या किसी सम्बन्ध में सुख नहीं है, केवल सुखाभास है, यानी झूठा और भ्रमपूर्ण सुख है। सच्चा सुख तो केवल इनसे विरक्त होकर धर्माचरण करने में ही है। भगवान के वचन भी हैं "कामे कमाहि! कमियं खु दुक्ख । " हे जीव ! कामनाओं को जीत ले, दृत दूर हो जाएगा । जब तक मनुष्य राग-द्वेष तथा कामनाओं का दास बना रहता है, वह नहीं
SR No.091002
Book TitleAnand Pravachana Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnandrushi
PublisherRatna Jain Pustakalaya
Publication Year1994
Total Pages346
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Spiritual
File Size7 MB
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