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CISIO15125510551015125 विद्यानुशासन 2151015105510SSISTOISS ॐहीं इवी श्री अर्ह णमो घोरवत्तावाणं हाहीं हूं ह्रौंहःअप्रति चक्रे फट विचक्राय असि आउसा झी झौ स्याहा ॥ २९॥ विष मुख दोष रोगादि नाशनं यह मंत्र विष और मुख के रोग आदि को नष्ट करता है।
ॐ ह्रीं इवी श्री अह ॐणमो घोर गुणणं हां ही हूं ह्रौ ह:अप्रतिचक्रे फट विचकाय असि आउसा झौ झौं स्वाहा ॥ ३०॥
दुष्ट मृगादिनां भयं नाशयति यह मंत्र दुष्ट भृगादि के भय को नष्ट करता है।
ॐ ह्रीं श्वी श्री अहं ॐ घोर गुण परकमाणं ह्रां ह्रीं हूं ही हू: अप्रचि चके फट विचकाय असि आउसा झौ झौ स्वाहा ॥३१॥
लूतादि गर्भात का वलिं नाशयति यह मंत्र चींटी कान खजूरे के विष और गर्भपात को नष्ट करता है।
ॐ ह्रीं झ्यी श्री अह ॐ णमो घोर गुण ब्रह्मचारीणं हां ह्रीं हूं ह्रीं ह्र: अप्रति चक्र फट विचक्राय असि आउसा झौं झौ स्वाहा ॥ ३२॥ ब्रह्म राक्षसादिग्रहान्नाशयति यह मंत्र ब्रह्म राक्षस और ग्रहों को नष्ट करता है।
ॐ ह्रीं ब्वी श्रीं अह ॐ णमो खेलो सहि पत्ताणं हां ही हं ह्रौं हू: अप्रति चक्रे फट विचक्राय असि आउसा झौ झौ स्वाहा ॥३३॥
सर्वापमृत्युनभवति इस मंत्र से कही भी अपमृत्यु नहीं हो सकती है।
ॐ ह्रींझ्वी श्री अहॐ णमो आमो सहि पत्ताणं हां ही हं हौंहः अप्रति चक्रे फट विचक्राय असि आउसा झौ झी स्वाहा ॥ ३४ ॥
जन्मांतर वैर पराभवं भवति इस मंत्र से दूसरे जन्म के बैर से होने वाली पराजय नहीं होती है। SECSIRISIRISTRISTOTRIOTE ३२८ PASTOT52152510051STRISH