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वास्तु चिन्तामणि
7. भूमि वर्तुलाकृति अर्थात् गोलाकर होने पर स्वामी का स्वभाव अस्थिर प्रवृत्ति का होता है तथा सफलता नहीं मिलती।
8. पांच कोने वाली जमीन दुख उत्पन्न करती है।
9. यदि भूखण्ड प्रवेश करते समय कम चौड़ा तथा पीछे की ओर का भाग अधिक चौड़ा हो तो उसे गोमुखी भूखण्ड कहते हैं।
अधिक वायव्य कोण
अधिक नैत्रत्य कोण
अधिक आग्नेय कोण
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