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________________ 152 वास्तु चिन्तामणि लिफ्ट वर्तमान में ऊंचे भवनों में लिफ्ट लगाने का चलन हो गया है। लिफ्ट कभी भी मध्य में न लगाएं, न ही दक्षिणी या नैऋत्य भाग में लगाएं। लिफ्ट के लगाने के लिए गहरा गड्ढा होना आवश्यक है। अतएव इसका निर्माण उत्तर, ईशान अथवा पूर्व में ही होना चाहिए। ताकि वास्तु नियमों के अनुरूप गड्ढे की स्थिति बन सके। आलमारी तथा शोकेस रखने का स्थान Place for Keeping Showcases & Almirah घर में जो आलमारी, तेजोरी, फर्नीचर आदि ना हो अथवा शोकेस लगाना हो तो उसे घर के दक्षिण एवं पश्चिम भाग की तरफ लगाना चाहिए जिनका मुख उत्तर या पूर्व की ओर होना चाहिए! आलमारी अत्यधिक छोटी या अत्यधिक बड़ी न हो, कक्ष के माप के अनुपात में ही आलमारी आदि शोभा पाती हैं। विषम बेडौल माप का फर्नीचर अशोभनीय लगता है। आलमारी या तिजोरी सीधी रखी जाना आवश्यक है। इन्हें सामने या पीछे की ओर झुका कर न रखें, तिरछा भी न रखें। ऐसा करने पर घर में अनायास ही निरर्थक वाद-विवाद होने लगते हैं। औषधि कक्ष Medicine Cell घर में अनायास ही किसी सदस्य के अस्वस्थ होने पर औषधियों की आवश्यकता होती है। अत: घर में कुछ दवाइयां सदैव रखना आवश्यक होता है। ऐसी औषधियां यहां वहां न रखकर ईशान दिशा में एक निश्चित स्थान पर रखना उपयुक्त है। प्रात: कालीन सूर्य किरणें औषधियों पर पड़कर उनके गुणधर्म में विकास करती हैं। प्रात: के उपरांत सूर्य दक्षिण मार्गी होकर पश्चिम में अस्त होता है उसकी तीव्र संताप युक्त किरणें औषधियों पर नहीं पड़ती। अतएव वास्तु शास्त्र में औषधियां रखने का स्थान ईशान दिशा में निर्धारित किया गया है। औषधि ग्रहण करते समय रोगी को उत्तर मुख होकर औषधि लेना उपयुक्त है।
SR No.090532
Book TitleVastu Chintamani
Original Sutra AuthorDevnandi Maharaj
AuthorNarendrakumar Badjatya
PublisherPragnyashraman Digambar Jain Sanskruti Nyas Nagpur
Publication Year
Total Pages306
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Ritual_text, Ritual, & Art
File Size5 MB
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