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बास्तु चिन्तामणि
4. यदि पूर्व में झुकावदार विस्तार (छपरी) बनी हो तो परिवार के पुरुष
सदस्यों के लिए अमृत स्वरूप है। स्वास्थ्य एवं यश प्रदाता है। स्लैब वाले मकान में उत्तर एवं पूर्व में दो-दो फुट की बालकनी निकालें। दक्षिण
एवं पश्चिम में बालकनी न निकालें। 5. यदि पूर्वी कम्पाउन्ड वाल पश्चिमी कम्पाउन्ड वाल से नीची रहेगी तो
सुयोग्य वंशावली की प्राप्ति होगी। 6. पश्चिमी कम्पाउन्ड वाल, पूर्वी कम्पाउन्ड वाल से अगर नीची रहेगी तो संतति नाश का भय होगा।
किराए से देने की अपेक्षा यदि मकान का निर्माण इस प्रकार किया गया हो कि उसका कुछ भाग किराये से देना हो तो स्वयं पूर्वी अथवा उत्तरी भाग में रहना चाहिये तथा किरायेदार को दक्षिणी या पश्चिमी भाग में रखना चाहिये। मकान जब
खाली हो तब दक्षिण या पश्चिम भाग में आ जाये ताकि पूर्व व उत्तर दिशाओं पर नार न रहे। ऐसा न करने से वास्तु के मूल सिद्धांत के विपरीत होने के कारण परेशानियां उत्पन्न होना अवश्यंभावी है।