SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 5
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ (iv ) का विस्तृत जीवनचरित है । यह तीसरा भाग भी प्राकृत भारती की ओर से मार्च, १९९२ में प्रकाशित हो चुका है । चतुर्थ भाग में पर्व ५ और ६ संयुक्त रूप से प्रकाशित हो चुके हैं। पाँचवें पर्व में ५ सर्ग हैं जिनमें सोलहवें तीर्थंकर एवं पंचम चक्रवर्ती भगवान् शान्तिनाथ का सविशद जीवन वर्णित है । छठे पर्व में ८ सर्ग हैं । प्रथम सर्ग में - सतरहवें तीर्थंकर एवं छठे चक्रवर्ती कुन्थुनाथ का, दूसरे सर्ग में - अठारहवें तीर्थंकर और सातवें चक्रवर्ती प्रभु अरनाथ का, तीसरे सर्ग में - छठे बलदेव आनंद, वासुदेव पुरुष पुण्डरीक, प्रतिवासुदेव बलिराजा का, चौथे सर्ग में आठवें चक्रवर्ती सुभूम का, पाँचवें सर्ग में - सातवें बलदेव नन्दन, वासुदेव दत्त, प्रतिवासुदेव प्रह्लाद का, छठे सर्ग में – उन्नीसवें तीर्थंकर भगवान् मल्लिनाथ का, सातवें सर्ग में - बीसवें तीर्थंकर मुनिसुव्रत स्वामी का और आठवें सर्ग में - नौवें चक्रवर्ती महापद्य का सविस्तार जीवन चरित्र का अङ्कन हुआ है । यह चौथा भाग भी प्राकृत भारती के पुष्प ८४ के रूप में प्राकृत भारती की ओर से सितम्बर, १९९२ में प्रकाशित हो चुका है । प्रस्तुत पाँचवें भाग में पर्व सातवाँ प्रकाशित किया जा रहा है जो जैन रामायण के नाम से प्रसिद्ध है । इस पर्व में तेरह सर्ग हैं । प्रथम सर्ग से दसवें सर्ग तक जैन रामायण का कथानक विस्तार से गु ंफित है । इन सर्गों में राक्षसवंश और वानरवंश की उत्पत्ति से लेकर आठवें बलदेव मर्यादा पुरुषोत्तम रामचन्द्र, वासुदेव लक्ष्मण, प्रतिवासुदेव रावण, महासती सीता, चरम शरीरी महाबली हनुमान, सती अंजना सुन्दरी, आदि के जीवन का विस्तार के साथ सरस चित्रण है । ग्यारहवें सर्ग में – इक्कीसवें तीर्थंकर विभु नमिनाथ, बारहवें सर्ग में दसवें चक्रवर्ती हरिषेण का और तेरहवें सर्ग में - ग्यारहवें चक्रवर्ती जय का वर्णन है । इस प्रकार भाग ५ १ बलदेव, १ वासुदेव और चरित्र का समावेश हुआ है । पर्व ७ में एक तीर्थंकर, २ चक्रवर्ती, १ प्रतिवासुदेव - कुल ६ महापुरुषों के इस प्रकार पर्व १ से ७ और भाग १ से ५ तक में तिरसठ में से ५६ शलाका पुरुषों के जीवन-चरितों का समावेश हो गया है ।
SR No.090517
Book TitleTrishashti Shalaka Purush Charitra Part 5
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGanesh Lalwani, Rajkumari Bengani
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year1994
Total Pages282
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Story, & Biography
File Size20 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy