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अथवा किसी पके फल से पूर्णाहुति देदे । साव धान्य-चना, उड़द, मूग, गेहूँ, धान (शालि, ) तिल, जौ तीन धान्य-तिल, धान्य, जौ, ।
॥ बालुका होम ॥ भूमि को गोबर से लीपकर उसपर गन्धोदक का बिडकाप देकर एक हाथ लम्बी व एक हाथ चौड़ी भूमि में नदी की बालू विछाकर उसपर पील: आदि की लकड़ियों को शिखर के श्राकार रखकर उसमें अग्नि प्रज्वलित कर नवग्रह, तथि देवता, दिपाल एवं शेप देवताभों को
आहुति देवे । कुण्ड होम-वेदीपर कुण्ड बनाकर उनमें समिधा जलाकर साकल्य तथा थी आदि होभना चाहिये ।
होम की श्राद्य विधि होम की सब सामग्री यथा स्थान रख कर होम कराने वाला प्रतिमा के सम्मुख मुख कर बैठे । होम की समाप्ति पयंच मौन व्रत धारण करे । पश्चात् चांदी पत्र पर मुगंधित द्रव्य से अग्नि मंडल लिखकर बोर के तीर्थकर कुंड में स्थापित करे ।
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4 ॥२६% . १.
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