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पूजा एवं विधान साहित्य ]
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२०४७ प्रतिसं० ४ । पत्र सं० १२४ । ले० काल सं० १८२६ प्राषाढ सुदी १ । पूर्ण वेष्टन सं०] ११६ प्राप्ति स्थान दि० जैन पंचायती मन्दिर भरतपुर
विशेष- आशाराम ने भरतपुर में लिखा था।
२०४८ प्रतिसं० ५ प ० ६६ ले० काल सं० १०६४ व्येष्ठ मुवी ११ पूर्ण वेष्टनसं ११७ प्राप्ति स्थान उपरोक्त मन्दिर |
६०४६. प्रति सं० ६ । पत्रसं० २५६ | लेकाल सं० १९६३ । पूर्ण । वेष्टनस ० ११८ | प्राप्ति स्थान- उपरोक्त मंदिर |
९०५०. प्रतिसं० ७
वेप्टन सं० ११ प्राप्ति स्थान ०५१. प्रतिसं० ८
पत्रसं० १४४ । ले०काल x । पूर्णे । न सं० ४ | प्राप्ति स्थानदि० जैन पंचायती मन्दिर हुण्डावालों का डीग ।
० १०८ ० ११४५ इ० काल सं० २०७० | पूर्ण दि० जैन मन्दिर बैर ।
०५२. सायद्वीप पूजा-सुधा सावर| २० काल x ० का ० १९५५ फागुता बुदी ५ पूर्ण तेरहपंची मन्दिर बसवा ।
सं० १८ वेष्टत सं० ५६
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भाषा संस्कृत विषय-पूजा प्राप्ति स्थान दि०जैन
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माया संस्कु
विका
२०५३. सार्द्धं द्वयद्वीप पूजा -X | पत्रसं० २०६ X० काल x पूर्ण वेटन सं० ७५ प्राप्ति स्थान दि० जैन पंचायती मन्दिर भरतपुर । ६०५४ सार्द्धद्वय द्वीप पूजा -X पत्र० १० १२७ । भाषा संस्कृत । विषय-पूजा १० फाल X वे० काल सं० १८६५ पूर्ण सं० १११ प्राप्ति स्थान दि०जैन । | मन्दिर फतेहपुर शेखावाटी (सीकर) ।
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विशेष प्रथ संवत्सरस्मिन भूपति विक्रमादित्य ताद संवत् २०६५ मिली फार ख़ुदी ६ वार आदित्यवार | श्री कष्टाचे माधुराम्यये पुष्करगणे हितारपट्टे भट्टारक श्री त्रिभुवनकीर्तिदेवात्पट्टे भट्टारक श्री क्षेमकीतिदेश तत्पट्टे भट्टारक भी सहमकीर्तिदेव तत्पट्टे मट्टारक श्री महीचन्ददेव तत्पट्ट भट्टारक देवेन्द्रकीतिदेव तत्पट्टे भट्टारक जगतकीविदेश तत्पट्टे भट्टारक ललितकीति वर्तमाने पिडि निमत | अग्रवालज्ञाते सहर वा मूरति धर्मावतारं सुभावक पुन्यप्रभावं पश: लाला दुनीन् तत्पुत्राला गम तत्पुत्र लाला सामल तत्पुत्र गंगादास सर बहालसिंह ने चाईद्वीय पुजा लिखायवा दत्त तेन ज्ञानावर्णी निमित्तार्थ शास् स्थापित ।
० राम ने प्रतिलिपि को यो तथा उनके शिष्य सुखराम ने धर्मपुरा के पार्श्वनाथ या
चितुं ।
६०५५. सार्द्धं द्वय द्वीप - X | पत्र सं० २०२ । प्रा० १०३६ इन्च भाषा-संस्कृत विषयपूजा र० काल X से काल अपूर्ण वेष्टन सं० १९९ प्राप्ति स्थान दि० जैन पंचायती
मन्दिर बयाना |
विशेष मं० १६२९ या १६६१ की प्रति से प्रतिनिधि की गई है। पं० ब्राशाराम ने भरतपुर में प्रतिलिपि की थी ।