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________________ [ ग्रन्थ सूची-पचम भाग ५५३०. पूजा पाठ संग्रह-X । पत्र २० ८८ । आ० १०३४६५ इञ्च । भाषा-संस्कृति, हिन्दी । विषय--पूजा । २० काल । लेकाल X । पूर्ण । वेष्टन सं० ७५। प्राप्ति स्थान-दि० जैन खण्डेलवाल मंदिर उदयपुर। ८५३१. पूजा पाठ संग्रह-x। पथसं०७६ पा० १२४८ इञ्च । भाषा-सस्कृत-हिन्दी । विषय-पूजा । र० काल x । ले० काल x पूर्ण । घेष्टन सं० २० । प्राप्ति स्थान-वि० जन अग्रवाल मंदिर उदयपुह । ८५३२. पूजा पाठ संग्रह-X । पत्रसं० १०५ । पा० ११३४५: हश्च । भाषा- संस्कृत । -पजा। र०काल x । लेकालX । पूर्ण । वेतन सं० २७० । प्राप्ति स्थान-दि. जैन मन्दिर लश्कर जयगुर । ८५३३. पूजा पाठ संग्रह--X । पत्रसं० ४३ । प्रा० ११३४५३ इञ्च । भाषा-हिन्दी सस्कृत । विषय-पूजा । १० काल x | लेकाल ४ । पूर्ण । वेष्टन सं० ६१३ । प्राप्ति स्थान -दि० जैन मन्दिर लश्कर, जयपुर। विशेष-नित्य उपयोग में आने वाले पूजा पाठों संग्रह है। ८५३४. पूजा पाठ संग्रह-X1 पत्र सं० १३३४ 1 आ० १२४५३ इञ्च । भाषा-संस्कृत-हिन्दी । विषय-पूजा । र०काल ले०काल x 1 पुर्ण । वैष्ठन सं० ७६६ 1 प्राप्ति स्थान दि० जैन मन्दिर लश्कर, जयपुर । विशेष—इसमें कूल १५२ पूजा एवं गाठों संग्रह है। प्रारम्भ में सूची दी हुई है । कहीं २ बीच में से कुछ पाट बाहर निकले हुए है। नित्य नैमित्तिक पूजागों के अतिरिक्त वत पूजा, व्रतोद्यापन, पंच स्तोत्र, व्रत कथा प्रादि का संग्रह है । काष्ठासंघ के भी निम्न पाउ है: अनन्त पूजा : श्री भूषण का संघीकृत, प्रतिष्ठाकल्प काठा संघ का, प्रतिष्ठा तिलक काष्ठा संघका, सकलीकरण विधि काठा सघ श्री, ध्वजा रोपण काष्ठा सघ, होम विधान काष्ठा संघ का, वृहद ध्वजा पोपण काष्ठा संघ का। उमा स्वामी कृत पूजा प्रकरण भी दिया है । पत्रसं० ३१२ पर १ पत्र है जिसमें पूजा किस ओर मुंह करके और कैसे करना चाहिए इस पर प्रकाश डाला गया है । यह ग्रंथ लकड़ी की रंगीन पेटी में विराजमान है. लकड़ी के सुन्दर दर्शनीय पू. जिनमें सुन्दर वेल बूटे तथो पार्श्वनाथ व सरस्वती चित्र है इसी संदूक में है । ग्रंथ के लगे हुए सहित ५ गुट्टे हैं । २ कागज के सचित्र पुट्ट भी दर्शनीय है । ८५३५. पूजा ग्रह-X । पत्रस०२७ । प्रा. EX६ इंच। भाषा-हिन्दी। विषयपुजा । २० बाल X । ले. काल x | पूर्ण । वेष्टन सं० ६४१ । प्राप्ति स्थान-भ. दि. जैन मन्दिर लश्कर जयपुर। विशेष-नित्य नैमित्तिक पूजात्रों का संग्रह है। ५५३६. पूजा पाठ सग्रह-४ । पत्र सं० ४४ । आ. ११६४५३ इञ्च । भाषा-संस्कृत । विषय-पजा पाठार. काल x I 'काल सं० १६११ । बेष्टन सं० ६०६ । प्राप्ति स्थान-दि० जैन मन्दिर लश्कर जयपुर ।
SR No.090396
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 5
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal, Anupchand
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages1446
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size30 MB
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