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________________ १८] [ ग्रन्थ-- सूची- पंचम माग ७६२४. प्रतिसं० ११०४२० ११३३ इस काल सं० १७५० त्र बुदी । पूर्ण वे ०५५ प्राप्ति स्थान दि० जैन मंदिर आदिनाथ 'दी विशेष-मालपुरा नगर में पार्श्वनाथ चैत्यालय में पं० योदराज के पदार्थ लिखा गया था | ७६२५. तीस चौबीसी पूजा - पं० साधारण । पत्रसं० ३४ । आ० १२३४७ इन्च । भाषा संस्कृत, प्राकृत विषय पूजा २० काल सं० x पे काल सं०. १८५२ ग्रासोज सुदी १३ । पूर्णं । वेष्टन सं० प्राप्ति स्थान – दि० जैन मन्दिर दीवान चेतनदास पुरानी डीग । ७६२६. तीस चौबीसो पाठ - रामचन्द्र हिन्दी पथ विषय-पूजा र० काल सं० १८०२ चैत पूर्ण वेष्टन[सं०] ११५ प्राप्ति स्थान विशेष ईश्वरीप्रसाद शर्मा ने प्रतिनिधि की थी। - उपरोक्त मन्दिर | ७६२७. प्रतिसं० २ । यत्र ०६५ मा० १४० ० १२२६ भादव सुदी ११ । पूणं । वेष्टन स० ११६ । प्राप्ति स्थान विशेष- लाला कल्याण ने मिश्र श्री प्रसाद श्यामलाल से प्रतिलिपि कराई थी। ७२२८. तीस चौबीसी पूजा-वृन्दाबन पत्र [सं० १९७ बा० ११३५३ हिन्दी पद्य विषय-पूजा २० काल - X ले०का सं १८२६ कार्तिक सुदी १३ २०-२१८ । प्राप्ति स्थान - दि० जैन मन्दिर नेमिनाथ टोडारायसिंह टोंक 1 o विशेष – १०४ का पत्र नहीं है । ७९२६. प्रतिसं० २०२०६० १० X ५ ० १४ । पूर्वं । वेष्टन सं० १२५ | प्राप्ति स्थान दि० जैन पंचायती मन्दिर बयाना । विशेष का साइज में है। ० १२१४७३ इञ्च भाषा पत्रसं० ७६ दी ५ ले०का सं० १६०८ सावन वदी दि० जैन मन्दिर फतेहपुर शेखावाटी सोकर - ७६३२ प्रतिसं० ५ वेष्टन सं० २६० प्राप्ति स्थान सुदी ११ । पूर्ण ७६३०. प्रतिसं० ३ ० ११० या १२६ इच ने० काल १० १६१० आसोज सुदी ५ । पू । न सं०४१ । प्राप्ति स्थान दि० जैन पंचायती मन्दिर बयाना । गाना में प्रतिनिधि हुई थी। विशेष 1 ७६३१. प्रतिसं० ४ पत्र० १० प्रा० ११४६ इच से० काल पूर्ण वेष्टन सं० २०१ प्राप्ति स्थान दि० जैन पार्श्वनाथ टोडारायसिंह टॉक | - - भाषाटन सं० ० १८२५ ७६३३. प्रतिसं० ६ पत्र सं० १०७ ० ६६ × ६३ चलेका सं० १९८६ मा वेष्टन मं० २७:१६ प्राप्ति स्थान दि० जैन मन्दिर कोटडियों का दूंगरपुर । विशेष प्रतापगढ़ में पंडित रामपाल ने जिता था । पत्र सं० १०९ ० १०७ इ० काल सं० १९५८ पूर्ण दि० जैन मन्दिर वोरसली कोटा | ७८३४. तोस चौबीसी पूजा- पषसं० ० १६३६ विषय - पूजा २० काल X | ०काल सं० १९८५ कार्तिक बुदी १० पूर्ण प्राप्ति स्थान अजमेर भण्डार । भाषा - हिन्दी वेष्टन सं० १३६७ ।
SR No.090396
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 5
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal, Anupchand
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages1446
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size30 MB
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