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[ ग्रन्थ सूची- पंचम भाग
७२७२. लक्ष्मी स्तोत्र - X | पत्र सं० १ | श्र० ६ x ४३ इव । भाषा संस्कृत विषयस्लोष | र०काल X ०काल पूर्ण वेष्टनसं० ७४८ प्राप्ति स्थान- भ० दि० जैन मन्दिर अजमेर | ७२७३. लक्ष्मी स्तोभ गायत्री - X पत्रसं० २ भाषा-संस्कृत विषय स्तोष र०काल X | जे० काल सं० १७६७ पूर्ण वेष्टन सं० १६ । प्राप्ति स्थान- दि० जैन तेरहपंथी मंदिर बसवा | विशेषीकेश की थी।
७२७४, लक्ष्मी स्तोत्र टीका -x । पत्र सं० ४
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भाषा-संस्कृत २० काल x सेकाल [सं०] १८६० भाववादी १२ पूर्ण वेन सं० २० प्राप्ति स्थान दि० जैन पंचायती मन्दिर भरतपुर ।
विशेष- भरतपुर में लिखा गया था।
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७२७५. लक्ष्मी स्तोत्र टोकाX | पत्रसं० ७ ० ११५४] विषय - स्वोज रात काल X पूपै वेष्टन सं० १९७ प्राप्ति स्थान
बोरसी का
विशेष - सरोज नगर में पं० मूलचन्द ने लिखा सं० १८४.... ।
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७२७६. लक्ष्मी स्तोत्र टोका- ४ पत्र सं० ४ ० ८५३ विषय - स्तोत्र 1 र० काल x । ले०काल । पुणं । येनसं० २०४ | X राजमहल (टोंक)
७२७७.शांतिपत्र
पत्रसं० १ ० १०४ स्तोत्र र०का X वाल x पूर्ण वेष्टनसं० १५० कोटा |
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७२७९, लघुस्तवन टीका - भाव संस्कृत विषय विधान २० काल स० १५६०
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स्थान दि० जैन मन्दिर लस्कर जयपुर ।
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७२७८. लघु सहस्रनाम - X पत्र० ४२० १२५३ इन्च भाषा संस्कृत विषयतो २० काल X ते काल x पूर्ण वेप्टम सं० ४६६ प्राप्ति स्थान- भट्टारकीय वि० जैन मन्दिर पजमेर।
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माषा-संस्कृत । दि० जैन मन्दिर
भाषा -: - संस्कृत | प्राप्ति स्थान- दि० जैन मन्दिर
भाषा संस्कृत विषय—
प्राप्ति स्थान दि० जैन मन्दिर बोरस
शर्मा | पत्र सं ० ३-३६ । ० १११ x ५६ छ । भाषा - ले०काल सं० १७७० प्रपूर्ण वेटन सं० ७५१ प्राप्ति
विशेष संचावती में नेमिनाथ वैश्यालय में मजगतकी के वियदोदराज ने अपनी ज्ञान वृद्धि
को ४०४१ कि जगतकीर्ति के शिष्य पं० दोदराज के लिए प्रतिनिषि
७२५० लघु स्तवन टीका x र० काल X | ले० काल x । पूर्ण वेष्टन ० ६२
बसवा |
के लिए टीका की प्रतिलिपि अपने हाथ से की थी इसी के साथ संत् १७७० बें गृह पर विस्तृत प्रशस्ति है, जिसमें लिखा है की गई थी।
पत्र [सं० ४ भाषा-संस्कृत विषयस्यो । प्राप्ति स्थान मन्दिर
७२८१. लब स्तोत्र विधि - ४ । पत्र सं० ७ भाषा-संस्कृत विषय स्तोत्र । १० काल x | काल X पूर्ण । वेन सं० ६६३ | प्राप्ति स्थान – दि० जैन पंचायती मन्दिर भरतपुर ।